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पदम श्री मुसाफर राम ने निभाई प्राचीन रस्म !

रोजाना24,चम्बा : मणिमहेश यात्रा में शिव चेलों की अनुमति को श्रद्धालु अनिवार्य मानते हैं.बाकी यात्री तो इस बात से भले ही परिचित न हों लेकिन शिव के परम भक्त गद्दी समुदाय के लोग व जम्मु कश्मीर के किश्तवाड़,भद्रवाह,डोडा,रामवन,बणी के श्रद्धालु इन चेलों की  अनुमति बिना कभी यात्रा नहीं करते.

तिरलोचन के वंशजों में से एक हैं पदम श्री मुसाफर राम.मुसाफर राम को देव वाद्य यंत्र पौण बजाने में महारत हासिल है.इसी कला के लिए उन्हें राष्ट्रपति ने पदम श्री से सम्मानित किया है.मुसाफर राम शतायु के करीब हैं.शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद वे श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति देने चौरासी मंदिर परिसर पहुंचे.वयोवृद्ध मुसाफर राम से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं की कतारें लग गईं.

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