पंचायती राज तकनीकी विंग का हुआ उदय,यही करेगा विकास कार्यों की रूपरेखा तय !

रोजाना24,शिमला : हिप्र में ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों की रूपरेखा होगी ‘पंचायती राज तकनीकी विंग’ के हवाले.

हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक कार्यों को डिजायन,निष्पादित व आवश्यक ढांचागत सुविधाओं के रखरखाव तथा ग्रामीणों के समग्र विकास हेतु प्रदेश सरकार ने पंचायती राज तकनीकी विंग का गठन किया है.जिसे राज्यपाल हिमाचल प्रदेश ने स्वीकृति दे दी है.

सचिव पंचायती राज द्वारा इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गई है.

इस तकनीकी विंग में राज्य स्तर पर सचिव पंचायती राज,जिला स्तर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद,खंड स्तर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंचायत समिति के सम्पूर्ण पर्यावेक्षक और नियंत्रण में कार्य करेंगे.

इस विंग को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं.जिनमें तकनीकी कर्मचारी श्रेणियों अधिशाषी अभियंता,सहायक अभियंता,डिजाइन अभियंता,कनिष्ठ अभियंता,तकनीकी सहायक व प्रारूपकार के सभी पद जिला परिषद में सृजित किए जाएंगे.जबकि लोनिवि व सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में समकक्ष समस्त पद जो कि ग्रामीण विकास विभाग में सृजित हैं,तुरंत प्रभाव से समाप्त होंगे.

इस तकनीकी विंग में जिला परिषद में अधिशाषी अभियंता के 03 पद,सहायक अभियंता के 32 पद,डिजाइन अभियंता के 17 पद,ड्राफ्ट्समैन के 35 पद व तकनीकी सहायकों के 1081 पद भरे जाएंगे.

सम्बंधित जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला स्तरीय तकनीकी कर्मचारियों के नियोक्ता,प्राधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी होंगे.मंडल स्तरीय अधिशाषी अभियंता, जिला परिषद,उनके अधिकार क्षेत्र में पड़ने वाले तकनीकी विंग के कर्मचारियों के तकनीकी मुख्य होंगे.

सहायक अभियंताओं की नियुक्ति जिला स्तर पर होगी व वे मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद के सम्पूर्ण नियंत्रण और पर्यावेक्षण में कार्य करेंगे.मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद सहायक अभियंताओं के दैनिक कार्यों की रिपोर्ट लेगा.

सहायक अभियंताओं को कार्य निष्पादन के लिए विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रभारी बनाया जाएगा.सहायक अभियंता पर विधान सभा क्षेत्र में सांसद क्षेत्र विकास निधि व विधायक क्षेत्र विकास निधि,विकेंद्रीकृत योजना व सरकार द्वारा सौंपे गए कार्यों के कार्यान्वित करने का उत्तरदायित्व होगा.इसके अलावा ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग के कार्यों मसलन लोक भवनों, जिला तथा खंड पंचायती राज संसाधन केंद्रों व पंचायत घरों को कार्यान्वित करने का दायित्व भी सहायक अभियंताओं का होगा.

अधिशाषी व सहायक अभियंताओं का स्थानांतरण सम्बंधित मंत्री के अनुमोदन पर राज्य के भीतर किया जा सकेगा.कनिष्ठ अभियंताओं व तकनीकी सहायकों का स्थानान्तरण प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर जिला के भीतर किया जा सकेगा.

वर्तमान में नियुक्त खंड अभियंताओं को डिजाइन अभियंताओं के पद पर नियमित किया जाएगा जिसके लिए उन्हें लिखित सहमति देनी होगी जिस पर उन्हें सहायक अभियंता की पदोन्नति के लिए 10 प्रतिशत अलग कोटा में वरिष्ठता लाभ दिया जाएगा.लेकिन इसके लिए एक आवश्यक शर्त को भी पूरा करना होगा कि उन्हें विभाग के विरुद्ध प्रशासनिक प्राधिकरण व अन्य न्यायालयों में चल रहे सेवा सम्बंधी सभी मामलों को वापिस लेना होगा.ताकि भविष्य में न्यायालय की अवमानना का मामला न बने.

खंड अभियंता से डिजाइन अभियंता पदनामित होने उपरान्त रिक्त पड़े खंड अभियंता के पद को समाप्त माना जाएगा.

तकनीकी सहायकों को तीन लाख तक की लागत से हुए विकास कार्यों के आकलन का इंद्राज तथा बिलों को कनिष्ठ अभियंता से व 03 लाख से अधिक की लागत के कार्यों के आकलन व बिलों को यथास्थिति सहायक अभियंता या अधिशाषी अभियंता द्वारा पारित किया जाएगा.

सम्बंधित आहरण व वितरण अधिकारी

अंतिम रिश्ता सहित अन्य किश्तों को प्राधिकृत तकनीकी अधिकारियों की सिफारिशों व कार्यों के बिल प्राप्त होने पर ही जारी करेगा.

अधिशाषी अभियंता उसके अधीन सभी तकनीकी कर्मचारियों के तकनीकी नियंत्रण प्राधिकारी,सहायक अभियंता कनिष्ठ अभियंताओं के तकनीकी नियंत्रण प्राधिकारी व कनिष्ठ अभियंता तकनीकी सहायकों के तकनीकी नियंत्रण प्राधिकारी होंगे.

यह पंचायती राज तकनीकी विंग अभी शुरू हो रहा तो इसके व्यवहारिक कार्यान्वयन में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं सरकार इन्हें ठीक करने के लिए समय समय पर नये दिशा निर्देश जारी करती रहेगी.