रोजाना24,धर्मशाला : हिमाचल में फिल्म सिटी की पैरवी करने वाले फिल्म निर्माता-निर्देशक धर्मशाला में फिल्म सिटी बनाने का सपना लेकर वापिस आना चाहते हैं। पिछले तीन दशकों से फिल्म नगरी मुंबई में स्थापित धर्मशाला से ताल्लुक रखने वाले चौकस भारद्वाज विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।गद्दी समुदाय से सम्बंध रखने वाले चौकस भारद्वाज धर्मशाला में फिल्मसिटी बना कर हिमाचल प्रदेश कि संस्कृति का प्रचार-प्रसार,व फिल्म उद्योग में युवाओं को स्वरोजगार के मौके उपलब्ध करवाना चाहते हैं.जिसके लिए चौकस भारद्वाज पहले भी कई प्रयास कर चुके हैं.चौकस भारद्वाज का कहना है कि यह एक बड़ा प्रोजैक्ट है जिसे हिमाचल के नेताओं ने अभी तक समझा नहीं है.इसलिए उनकी योजना को किसी ने गम्भीरता से नहीं लिया है.उन्होंने कहा कि अगर उन्हें विस या लोस में चुनकर पहुंचने का मौका मिलता है तो वे इस फिल्म सिटी के प्रोजैक्ट को पूरा करेंगे.उल्लेखनीय है कि कृष्ण कपूर के संसद में जाने के बाद धर्मशाला विधानसभा सीट खाली हुई है और यहां से उप चुनाव होना तय है ।चौकस भारद्वाज ने यहां फिल्म सिटी स्थापित करने के लिए काफी जद्दोजहद की है।वीरभद्र सिंह और जयराम ठाकुर के शासनकाल में उन्होंने शासकों के साथ बैठकें की लेकिन कोई नतीजा सामने न आया।उन्हें फिल्म सिटी को लेकर शासकों से सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं ।इसे लेकर उन्हें ताउम्र मलाल रहेगा ।शायद यही कारण है कि वह विधानसभा में जाकर इस मुद्दे पर पैरवी करने के पक्षधर हैं ।
फिल्मी दुनिया के करियर में करीब 70-80 हिंदी फीचर फिल्म 500 सीरियल और 1000 विज्ञापन फिल्म व म्यूजिक वीडियो एल्बम में बतौर आर्ट डायरेक्ट और प्रोडक्शन डायरेक्टर अपनी भूमिका अदा करने वाले चौकस भारद्वाज अब चुनाव लड़ने के मूड में हैं ।वर्ष 1989 से मुंबई में स्थापित चौकस भारद्वाज ने “नादान परिंदे घर आजा”और “मन में है विश्वास” सीरियल और हिंदी फिल्म “मिर्जा जूलियट” का निर्माण भी किया है ।
गौरतलब है कि फिल्म नगरी मुबंई में अपना सपना पूरा करने पहुंचने वाले करीब 500 से अधिक हिमाचलियों को वे मुम्बई में स्थान दिलवा चुके हैं.भाजपा विचारधारा से प्रभावित चौकस भारद्वाज अब चुनाव लड़ कर जनता के दर्द को सांझा करने के साथ-साथ धर्मशाला में फिल्म सिटी बनाने को लेकर विधानसभा के माध्यम से परियोजना को अमलीजामा पहनाने के मूड में है।
किशन कपूर के लोस जाने से बाद खाली हुई विस सीट से कई पुराने भाजपा नेता इस उप चुनाव का लाभ उठाकर विस पहुंचने की जुगत लगाने में जुटे हुए हैं.पहले प्रदेश में भाजपा की सरकार और अभी लोस चुनावों भाजपा की भारी जीत का भाजपा प्रत्याशी को उपचुनाव में इसका लाभ मिल सकता है.