रोजाना24,चम्बा : जनजातीय क्षेत्र भरमौर में मत्स्य पालन व ट्राऊट बिक्री के उदेश्य से बनाए गए ट्राऊट फार्म थला में पिछले बीस दिनों से मछलियां मर रही हैं.फिश फार्म के लिए साफ पानी सप्लाई करने वाली पाप लाईन टूट जाने के कारण टैंकों तक पानी के माध्यम से मिलने वाली ऑक्सीजन मछलियों को नहीं मिल रही जिस कारण हजार रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकने वाली ट्राऊट मछलियां मर रही हैं.
माना जा रहा है कि अब तक करीब दस लाख रुपये से अधिक की ट्राऊट मर चुकी है.जबकि किसानों के लिए वितरित किया जाने वाला बीज व अर्द्ध विकसित मच्छलियां भी मारी गई हैं.
विभागीय सूत्रों का कहना है सड़क मार्ग बहाल करने के दौरान जेसीबी के कारण फिश फार्म तक साफ पानी की सप्लाई करने वाली पाईप लाईन टूट गई.बीस दिन पूर्व घटी इस घटना से नुक्सान को कम करने के लिए विभाग अभी भी कोई प्रयास नहीं कर रहा.
गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व ही करीब साढे चार करोड़ रुपये की लागत से भरमौर के थला नामक स्थान पर ट्राऊट फिश फार्म बनाया गया था.जहां से किसानों को मछली पालन व्यवसाय के लिए मछली बीज व विकसित ट्राऊट मछली बाजार में बेची जाती थी.बीते वर्ष इस फार्म से करीब चालीस हजार मछली बीज बेचा गया है.जबकि इतने ही मुल्य की ट्राऊट बाजार में बेची गई है.लोगों का कहना है कि मछली के टैंक तक पानी पहुंचाने वाली पाप लाईन को मापदंडों के अनुरूप भूमि में नहीं दबाया गया था जिस कारण सड़क से मलबा हटाने के दौरान यह पाईप लाईन टूटी है.अब यह फिश फार्म बंद किये जाने की स्थिति में पहुंच गया है.
विभाग के सहायक निदेशक भुपिन्द्र ने कहा कि फार्म में कितनी मछलियां मरी हैं अभी इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है.भरमौर के मत्सय केंद्र की बती हुई मछलियों को भांदल स्थित मतस्य केंद्र भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं.उन्होंने कहा कि मछलियों के भांदल फिश फार्म में पहुंचने के बाद ही नुक्सान का पता चल पाएगा.नुक्सान किस कारण हुआ इस पर उन्होंने कहा कि यह ढांचागत निर्माण में खामी के कारण हुआ है.
विभाग की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीस दिनों से तिल तिल कर मर रही मछलियों को बचाने के प्रयास नहीं हुए हैं.विभाग अभी भी मछलियों को भांदल मत्स्य फार्म तक पहुंचाने की व्यवस्था करने की बातें ही कर रहा है.