परम्पराओं को सहेजने में अग्रणी हैं छतराड़ी घाटी के लोग.

रोजाना24,चम्बा : परम्पराएं व संस्कृति हमारे इतिहास का आईना होती हैं.आधुनिकता व व्यस्त जीवन शैली में इन्हें कई बार भूल जाते हैं.गद्दी समुदाय की संसकृति व परम्पराएं प्राचीन होने के साथ साथ अनोखी भी हैं.वैसे तो लोग आज भी इन्हें सहेजे हुुुए हैं लेकिन मात्र त्योहारों व अन्य विशेष अवसरों पर ही वे इन्हेें प्रदर्शित करते हैंं.चम्बा जिला के छतराड़ी घाटी के लोग अपनी इस विरासत को बचाने के लिए आज भी संजीदा हैं.यहा के शिव शक्ति युुुवक मंडल द्वारा संस्कृति को सहेजने की अनूठी पहल शुरू की है. ग्राम पंचायत छतराड़ी में गद्दी संस्कृति को सहजने व उसके प्रसार के लिए घुरैई नृत्य का आयोजन किया गया. शिव शक्ति युवक मण्डल छतराडी द्वारा बैसाखी जातर के उपलक्ष्य पर अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यह दूसरा वार्षिक आयोजन किया है.क्षेत्र के बुद्धिजीवी व निजि स्कूल के प्रधानाचार्य राजीव शर्मा बताते हैैं कि इस युवक मंडल ने पिछले वर्ष से महिला पारम्परिक व सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए ऐसे आयोजन की शुरूआत की है.यह एक सराहनीय कदम है.इस सामुहिक नृत्य में पंचायत की करीब 70 महिलाओं ने पारम्परिक वेषभूषा में भाग लिया। युवक मण्डल प्रधान सुखपाल सदस्य मोहिंदर सिंह का कहना है कि उनकी घाटी में आयोजित होने वाले उत्सवों में महिलाओं की भागीदारी कम रहती है जिस कारण गद्दी समुदाय के पारम्परिक घुरैई व डंगी नृत्य दुनिया के सामने नहीं आ पाए हैं.युवक मंडल महिलाओं की इस कला को सार्वजनिक  मंच देकर सामने लाने का प्रयास कर रहा है.इसके लिए ग्रामीणों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है.उन्होंने कहा कि बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष आयोजन में महिलाओं की संख्या काफी अधिक रही.उन्होंने बताया कि यह आयोजन अब हर वर्ष करवाया जाएगा.