मतदान बहिष्कार के निर्णय के लिए क्यों मजबूर हो रहे लोग !

रोजाना24,चम्बा : लोस चुनावों से पूर्व भरमौर विस क्षेत्र के विभिन्न भागों के लोग मतदान न करने का निर्णय ले रहे हैं.पांगी घाटी के लोग चैहणी सुुुरंग की मांग पूूूूरी न किए जानेे पर मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है तो इसी विकास खंंड के मैहला विकास खंड के बंदला पंचायत के लोगों ने सरकार द्वारा सड़क न बनवाने से दुखी होकर मतदान न करने का निर्णय लिया है.अब इस कड़ मेें भरमौर विकास की तियारी पंचायत के लोगों ने मतदान न करने का फैसला लिया है.पंचायत के कुठेड़ के कलाह,उपरली त्यारी, झिकली त्यारी ओर पटोला गांव के लोगों ने एक सयुंक्त बैठक में यह निर्णय लिया.बैठक में आगामी दिनों में होने बाले मतदान का बहिष्कार करने पर सहमति बनाने पर विचार किया गया। ग्रामीणों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि वर्षों से तियारी पुल को बनाने का सपना दिखाया जाता रहा है मगर आज तक कार्य शुरू नहीं किया गयाा.काम शुरू न हो पाने के विरोध में मतदान का बहिष्कार करने के लिये ग्रामीणों ने इस बैठक का आयोजन किया। बैठक में उपस्थित लोगों ऊधो राम,विजय,हेम राज,भूरी सिंह,मदन लाल,संजू,अनिल,सिरमौरी,बृज लाल,नरेश,रणजीत,जै राम,देव राज,सतीश,पवन आदि ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि चुनाव का बहिष्कार करने पर इन गांवों के अस्सी प्रतिशत लोगों में सहमति बन गयी गयी है जबकि जो अन्य बीस फीसदी लोग बचे उन्हें भी इस मुहिम में जोड़ा जाएगा। उन्होंनेें कहा कि इसके लिये आगामी पन्द्रह अप्रैल को दोपहर एक बजे बैठक होगी जिस में इन गांवों के शत प्रतिशत लोगो की सहमति बना कर आगामी योजना बनाकर रणनीति तय करेंगे।

लोस चुनाव के लिए अभी एक माह से अधिक का समय है इसलिए स्वभाविक है कि कुछ दिनों किसी और भाग से भी मतदान के बहिष्कार की खबर सामने आ सकती है.माना जा रहा है कि लोग अपनी मांगों को लेकर वर्षों से राजनेताओं का मुंह ताक रहे हैं लेकिन उन्हें सिर्फ चुनावी वायदे थमा कर स्वयं पांच वर्षों के लिए गायब हो जाते हैं.इसलिए परेशान लोग मतदान बहिष्कार को आखिरी हथियार मान रहे हैं ताकि वे अपनी बात को सरकार,व राष्ट्रपति के सामने ली सकें.ग्रामीणों के इस निर्णय को उचित तो नहीं कहा जा सकता लेकिन उन्हें ऐसे निर्णय के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा इस पर उन्होंने जरूर सबका ध्यान खींचा है.