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डरा रहा बहाव…क्या करें इस रावी का ?

रोजाना24,चम्बा : रावी नदी एक ओर जहां हिमाचल, पंजाब से लेकर पाकिस्तान तक के लोगों के पेट पाल रही है वहीं दूसरी ओर यह नदी लोगों व प्रशासन के बीच विवाद का कारण भी बन गई है.रावी नदी के दोनों किनारों पर बसे गांवों ने इसके बहाव से स्वयं को खतरा बताते हुए प्रशासन को नदी का बहाव दूसरे किनारे की ओर मोड़ने की मांग कर रहे हैं.जब एक किनारे की ओर से नदी के बहाव को दूसरी ओर किए जाने लगा तो दूसरी ओर के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया.

आज होली घाटी के तियारी पुल के पास रावी नदी के बहाव को दूसरी तरफ मोड़ने के प्रशासन के आदेशों के विरोध में झड़ौता गांव के लोग पुलिस चौकी होली पहुंच गए.

भारी हिमपात व वर्षा के कारण रावी नदी के बढ़े जल स्तर ने झड़ौता गांव के दूसरी तरफ बसे पटोला गांव के किनारे को काटना शुरू कर दिया और इस किनारे बने एक घर को भी रावी गिरा चुकी है.कुछ दिन पूर्व एक और घर पर गिरने के खतरे को भांपते हुए पटोला गांव के लोगों ने प्रशासन से मदद मांगी तो प्रशासन ने राजस्व विभाग को उचित सहायता करने के निर्देश दिए.जिस पर मशीनें लगा कर पटोला की ओर से रावी नदी के बहाव को झड़ौता गांव की ओर करने के प्रयास शुरू हो गए.रावी का बहाव अपने गांव की ओर बढ़ता देख गांव वालों ने प्रशासन से जल्द काम बंद करवाने का आह्वान किया.

अब प्रशासन के गले में यह निर्णय फंस गया है कि आखिर किया जाए रावी के दोनों ओर के लोग नदी के रुख को दूसरी ओर मोड़ना चाहते हैं.

अतिरक्त जिला दण्डाधिकारी भरमौर ने कहा कि उन्होंने जेसीबी के काम को रोकने के निर्देश दिए हैं.इस दौरान वे भू विशेषज्ञों व अन्य विशेषज्ञों से मामले में तकनीकी कार्य पर परामर्श ले रहे हैं.उन्होंने कहा कि इस मामले का हल खोजा जा रहा है.

गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व रावी का तीव्र प्रवाह होली घाटी की कुलेठ पंचायत को निगलने पर आमादा था तो सरकार व प्रशासन ने करोड़ों रुपये खर्च कर रावी के रुख को बदलने में कामयाबी पाई थी.ऐसा इसलिए सम्भव हो पाया था क्योंकि नदी के बहाव को दूसरी ओर बदलने से दूसरे छोर पर किसी को आपत्ति नहीं थी.लेकिन यहां प्रशासन की स्थिति ‘एक तरफ कुआं दूसरी ओर खायी’ वाली हो गई है.

रोजाना24 आपके समक्ष एक प्रश्न छोड़ रहा है कि आजतक शांती से बहने वाली रावी नदी अब काटने को क्यों दौड़ी है ?

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