रोजाना24,चम्बा : 07 फरवरी को हुए हिमपात के बाद भरमौर उपमंडल में हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि लोग अभी अपनी सम्पत्ति का आकलन भी नहीं कर पा रहे.वर्फ की इतनी मोटी तह बिछ चुकी है कि लोग अपने खेतों में हुए नुक्सान देख भी नहीं पाए हैं.
हालांकि इस बीच कुछ कम हिमपात व घरों के पास के बगीचों में हुए सेब के पौधों का नुक्सान की जानकारी बागवानों ने उद्यान विभाग को दी है.जबकि उद्यान विभाग के स्वयं के बगीचों को भी लाखों का नुक्सान हुआ है.
उद्यान विभाग के पास पहुंची जानकारी के अनुसार हिमपात से 150 बागवानों के 30 हेक्टेयर बगीचों में 4680 सेब के पौधे टूट गए हैं.जिसमें 1170 पौधे पूरी तरह टूट गए हैं जबकि 3510 पौधों को कुछ कम नुक्सान हुआ है.जिनका औसत नुकसान आकलन सहत्तर लाख बीस हजार रुपये आंका गया है.उद्यान विभाग के उलांसा स्थित बगीचे में बीस पौधे पूरी तरह टूट गए हैं जबकि 30 पौधे आंशिक रूप से क्षति ग्रसित हो गए हैं.जिनका औसत नुक्सान 90 हजार रुपये आंका गया में विभाग की कुठेड़ पंचायत स्थित डेढ लाख की लागत का सेब की ग्रेडिंग व पैकिंग शेड भी टूट गया.
विभागीय विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ एस एस चंदेल ने कहा कि क्षेत्र में भरमौर क्षेत्र में सेब के पेड़ों बहुत अधिक नुक्सान हो चुका है.उन्होंने कहा कि अभी बहुत से बागवान कांगड़ा जिला व अन्य भागों में शीतकालीन प्रवास पर हैं.जिस कारण बगीचों में हुए कुल नुक्सान का आंकड़ा तौ नहीं पहुंचा है लेकिन विभाग के पास अभी जो जानकार पहुंची है उसके अनुसार बहत्तर लाख साठ हजार रुपये का नुक्सान हिमपात के कारण हो चुका है.