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खुले तालों में कितने सुरक्षित लोगों के आवश्यक पत्र ?

रोजाना24,भरमौर :- भारतीय डाक विभाग पत्रों को सुरक्षित पहुंचाने के लिए भरोसे का प्रतीक माना जाता है.पत्र भले ही एक माह बाद पहुंचे लेकिन निर्धारित पते पर जरूर पहुंचता है.लेकिन बदलते वक्त के साथ डाक कर्मियों ने डाक पत्रों की सुरक्षा के साथ समझौता करना शुरू कर दिया है.जिसका उदाहरण चौरासी परिसर के पास स्थापित पत्रपेटी के खुले ताले को देखकर मिल जाता है.पत्र पेटी का ताला खुला होने के कारण आवश्यक पत्रों के खो जाने चोरी होने का अंदेशा बना हुआ है.क्षेत्र के बेरोजगार युवा नौकरी,प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए डाक के माध्यम से आवेदन करके हैं.इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज व पत्र सामान्य डाक से इन्हीं लैटरबॉक्स के माध्यम भेजी जाती हैं.लेकिन ताला खुला रहने के कारण शरारती तत्वों द्वारा इन्हें गायब करने का अंदेशा रहता है.विभाग ने भी इसी लिए इन पत्रपेटियों को ताला लगाने का नियम बना रखा है.लेकिन भरमौर मुख्यालय के चौरासी परिसर के पास स्थापित लेटरबॉक्स का ताला खुला रहता है तो लघु सचिवालय भरमौर के मुख्य द्वार के पास स्थापित लेटरबॉक्स का आकार छोटा होने के कारण कार्यालय की महत्वपूर्ण डाक पत्रपेटी से बाहर ही झांकती रहती है.जिसे कोई भी निकाल कर गायब कर सकता है.

लोगों ने डाक विभाग के अधीक्षक से मांग की है कि लोगों के पत्रों की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबन्ध करें.

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