रोजाना24,चम्बा :- मणिमहेश ट्रस्ट के 27.71 लाख रुपये का रज्जु मार्ग फांक रहा धूल !मणिमहेश न्यास ने यात्रा के दौरान यात्रियों,लंगर सेवा समितियों व प्रशासन का सामान ढोने के मकसद से हड़सर से गौरी कुंड के लिए दो चरणों में रज्जु मार्ग निर्माण करने का प्रस्ताव बनाया गया था .जिसके पहले चरण में हड़सर से धन्छो के लिए रज्जुमार्ग का निर्माण भी किया गया लेकिन एक वर्ष बाद भी यह रज्जु मार्ग मणिमहेश मार्ग पर धूल ही फांक रहा है.
गौरतलब है कि 27 लाख 71 हजार रुपये की लागत से निर्मित इस रज्जु मार्ग का उपयोग इस वर्ष मणिमहेश यात्रा के दौरान किया जाना था.कागजों में पूरे व धरातल पर अधूरे इस रज्जु मार्ग ने मणिमहेश न्यास को लाखों की चपत लगा दी है.24 जून 2017 में न्यास ने इस रज्जु मार्ग का कार्य स्थानीय ठेकेदार को दिया था.जिसकी निर्माणावधि तीन माह की थी.विभागीय सूत्रों की मानें तो इस रज्जु मार्ग के निर्माण में धार्मिक आस्था से जुड़े इस मणिमहेश न्यास के धन का दुरुपयोग हुआ है.
लोनिवि यांत्रिकी विभाग कुल्लू के अधिशाषी अभियंता द्वारा रज्जु मार्ग निर्माण के लिए15.54 लाख रुपये की राशी का आकलन तैयार किया गया था.जिसमें करीब 3.5 लाख रज्जू मार्ग के लिए मूलभूत ढांचा तैयार करने व करीब 8.67 लाख रुपये रज्जु मार्ग के लिए लगने वाले सामान का मुल्य था.
लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी राशी के कार्य के लिए ऑनलाईन टैंडर किया जाना चाहिए था.जबकि न्यास ने ऐसा नहीं किया.जिससे न्यास की कार्यप्रणाली पर लोगों ने प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं.लोगों ने अतिरिक्त जिलादण्डाधिकारी से मामले की जांच करने की मांग करते हुए कहा है कि श्रद्धालु न्यास को इसलिए दान राशी देते हैं ताकि न्यास श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए गुणात्मक कार्य कर सके व श्रद्धालुओं के धन का दुरुपयोग न किया जा सके.
उधर इस मामले में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पृथी पाल सिंह ने कहा कि मामला उनके कार्यकाल से पूर्व का है.इस वर्ष मणिमहेश यात्रा के दौरान पैदल मार्ग में रज्जु मार्ग की गिरी तारें देख कर उन्होंने इस बारे में अधीनस्थ कर्मचारियों से जानकारी मांगी है.जिसमें पता चला है कि उक्त कार्य के लिए आठ लाख रुपये की राशी भी जारी हो चुकी है.उन्होंने कहा कि अगर इसमें कोई अनियमिता पाई जाती है तो वे मामले की जांच करेंगे.