रोजाना24,चम्बा :- दस दिन पूर्व हुई बरसात के कारण बाधित हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग 154ए के कारण आवश्यक वस्तुओं की कमी होने लगी है.भरमौर में इस समय पैट्रोल व डीजल तो समाप्त हो चुका है वहीं मिट्टी का तेल व घरेलु गैस सिलेंडर भी गिनती के ही बचे हैं.ऐसे में अगर सड़क मार्ग को बड़े वाहनों के लिए जल्द बहाल न किया गया तो खाद्य सामग्री की समस्या भी खड़ी हो सकती है.
गौरतलब है कि भूस्खलन के कारण समूचे हिमातल में सड़के क्षतिग्रस्त हुईं जिनमें चम्बा भरमौर सड़क मार्ग भी एक था.समूचे प्रदेश के एनएच मार्गों पर तमाम तरह का यातायात बहाल हो चुका है लेकिन चम्बा भरमौर सड़क मार्ग पर नहीं.राख धरवाला के बीच बग्गा नामक स्थान पर सड़क का एक हिस्सा चमेरा जल विद्युत परियोजना चरण तीन के बांध में धंस जाने के कारण इस भाग से बड़े वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है.हालांकि छोटे चौ पहिया वाहनों की आवाजाही जारी है लेकिन बग्गा से भरमौर तक की घनी आबादी वाले क्षेत्र के लोगों की रोजमर्रा की वस्तुओं को पहुंचाने वाले बड़े वाहनों की आवाजाही बंद होने के कारण न तो घरेलु गैस सिलेंडर की गाड़ी भरमौर पहुंच पी रही है व न ही मिट्टी का तेल,पैट्रोल व डीजल के टैंकर दिस कारण लोगों की समस्या दिन व दिन बढ़ती जा रही है.विडम्बना यह है कि समस्या की जानकारी सरकार से लेकर प्रशासन तक सबको पता है.उ़सका समाधान कैसे किया जाना चाहिए यह भी इन्हें पता है.इसके बावजूद समस्या के समाधान के लिए शुरूआत ही नहीं हो पा रही.चूंकि बाधित सड़क मार्ग का हिस्सा एनएचपीसी के अंतर्गत आता है.इसलिए इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी एनएचपीसी पर ही है.एनएचपीसी बाधित मार्ग को बहाल करने के लिए स्वयं कोई पहल नहीं की है.जबकि लोग एनएच प्राधिकरण को भी इसके लिए उत्तरदायी ठहरा रहे हैं.सड़क मार्ग को बहाल करने के प्रयासों की जानकारी प्राप्त करने के लिए एनएच प्राधिकरण के अधिशाषी अभियंता दिवाकर पठानिया ने कहा कि वे एनएचपीसी से लगातार इस संदर्भ में बातचीत कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है.
वहीं जब एनएचपीसी के महा प्रबंधक आलोक नाथ से फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया जबकि निगम के वरिष्ठ अभियंता संदीप बत्रा ने मामले से बचने का प्रयास करते हुए कहा कि वे किसी प्रकार की टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं.हजारों लोगों की समस्या को लेकर एनएचपीसी कितनी गम्भीर है यह तो मीडिया मेें दिए गए जबाव से ही झलक रहा है.
वहीं मामले की गम्भीरता को लेकर क्षेत्र के विधायक जियालाल कपूर ने कहा कि उन्होंने मौसम साफ होने के तुरन्त बाद एनएचपीसी को सड़क मार्ग बहाल करवाने के निर्देश दिए थे लेकिन अब तक अगर मुरम्मत कार्य शुरू नहीं किया गया है तो एनएचपीसी के विरुद्ध कार्यवाही के लिए मामला सरकार में लेकर जाएंगे.
अब इस सड़क मार्ग की बहाल के लिए कौन कितना प्रयास कर रहा है यह तो वही जानते हैं लेकिन अगर बाधित स्थल को जल्द बहाल न किया गया तो समस्या गम्भीर होने वाली है.क्योंकि इसी माह जनजातीय क्षेत्र भरमौर के लिए शीतकाल के लिए पांच माह का राशन भी डिपुओं तक पहुंचाया दाना है.अगर सड़क मार्ग ही बहाल न हुआ तो खाद्य एवं आपूर्ति निगम के ट्रकों भी बग्गा नामक स्थान पर ही खड़ा करना पड़ेगा.