‘खप्पर बुड्ढा’ पहुंचा छतराड़ी,खूब चले डंडे !

रोजाना24,चम्बा :- छतराड़ी के प्रसिद्ध शिवशक्ति मंदिर प्रांगण में आज तीन दिवसीय मेलों का शुभारम्भ हुआ.जिसमें सबसे पहले शक्ति माता प्रतिमा को मणिमहेश डल झील से लाए गए जल से स्नान करवाया गया.तदोपरान्त देव प्रतिमा को पालकी में बिठाकर फेरी लगाई गई.दोपहर तक मंदिर में पूजा अर्चना का कार्यक्रम जारी रहा.दोपहर बाद मेले का मुख्य भाग ‘ख़प्पर बुड्ढा’ जातर शुरू हुई.

स्थानीय लोगों ने शक्ति माता द्वारा क्षेत्र के लोगों रक्षा के लिए मायावी शक्तियों को समाप्त करने के लिए अपनी सेना के साथ किए गए संहार का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया.माना जाता है कि छतराड़ी घाटी में भयानक मायावी शक्तियों वाला राक्षस लोगों को परेशान किया करता था.जिससे परेशान लोगों ने देवी का आह्वान किया तो शक्ति माता ने उस राक्षस व उसकी राक्षसी सेना को मार भगाया.देवी की इस विजय को बुराई पर अच्छाई के रूप में इसे मेले के रूप नें मनाया जाता है.चूंकि उस समय न तो कोई कैमरा व चित्रकार था इसलिए लोगों ने उस राक्षस के चेहरे की छवि को लकड़ी मुखौटों पर तराश कर प्रदर्शित किया.जिसे ‘खप्पर बुड्ढा’ कहा जाता है.

आज उसी राक्षस के संहार को प्रदर्शित करने के लिए कुछ लोग लकड़ी के मुखौटे पहन कर आते हैं और कुछ दैवीय सेना की ओर से उन्हे भगाने का प्रयास करते हैं.दैवीय सेना व राक्षस के इस युद्ध को प्रदर्शित करने के लिए डंडे व बिच्छू बूटी जिसे स्थानीय बोली में ‘ऐहण’कहा जाता है,से लड़ाई करते हैं.जिसमें राक्षसी सेना की हार होती है.बुराई पर अच्छाई की जीत पर आधारित इस मेले को देखने के लिए क्षेत्र के हजारों लोग उपस्थित रहे.

मीडिया की नजरों में आने के बाद इन शिवशक्ति मेलों के प्रति देश के विभिन्न भागों से लोग छतराड़ी पहुंचने लगे हैं.शिवशक्ति मेला आयोजन समिति सदस्य राजीव शर्मा बताते हैं कि मेले की हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.उन्होंने कहा कि मेले के स्वरूप को अब काफी सुधारा गया है जिसके अंतर्गत परम्परा को सहेजने व उसे और बढ़ाने,कुरीतियों को दूर करने के लिए हर वर्ष प्रयास किया जाता है.मेले में दूर दराज से आने वाले लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए मेला समिति व ग्राम पंचायत संयुक्त रूप से प्रयास कर रहे हैं.यह मेले बीस सितम्बर को समाप्त होंगे.