मणिमहेश यात्रा इस समय अपने अंतिम चरण में है.देश के विभिन्न भागों से श्रद्धालु आज मणिमहेश झील में राधाष्टमी स्नान के लिए भरमौर से मणिमहेश के लिए निकल पड़े हैं.आज रात धन्छो में ठहरने के बाद कल सोलह सितम्बर को यह शिव चेले मणिमहेश झील में स्नान कर राधाष्टमी स्नान की विधिवत शुरूआत करेंगे.
अपने गांव सचूईं में त्रिलोचन के मंदिर से यात्रा की शुरूआत करते हुए जब यह शिव चेले चौरासी परिसर की ओर निकले तो इनके पीछे पीछे हजारों श्रद्धालुओं का जनसमूह उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उमड़ पड़ा.इस जन समूह की भीड़ का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि सचूईं गांव से चौरासी मंदिर तक के एक किमी सड़क मार्ग पर तिल धरने के लिए जगह नहीं बची थी.शिव चेलों के साथ उमड़े इस जनसैलाब के कारण विपरीत दिशा से आने वाले लोगों का निकलना करीब करीब बंद ही हो गया. इन शिव चेलों ने चौरासी मंदिर परिसर की परिक्रमा कर शिव मंदिर से श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया.जिसके बाद वे मणिमहेश के लिए पैदल रवाना हो गए.भरमौर से उन्नीस किमी पैदल चलने के बाद धन्छो में रात्री ठहराव करेंगे.इससे पूर्व चरपट नाथ चम्बा,दश ना मी अखाड़ा भरमौर व भद्रवाह के श्रधालुओं की देव छड़ियां पिछले कल ही मणिमहेश के लिए रवाना हो चुकी हैं.यह सब श्रद्धालु शिव चेलों के बाद डल झील में प्रवेश करेंगे.
श्रद्धालुओं के मणिमहेश रवाना होने के बाद भरमौर मुख्यालय कुछ हद तक सूना सा महसूस होने लगा है.