उपचार न मिलने से शिशु की मौत,स्वास्थ्य केंद्र पर लगा था ताला .

चम्बा -: जनजातीय क्षेत्र में आज भी जीवन कितना मुश्किल है कि बिना ईलाज के एक नवजात की जान चली गई.

घटना ग्राम पंचायत दुर्गेठी की है जहां कुलदीप व आरती शर्मा का नवजात शिशु बीमार था.जिसके उपचार के लिए व दुर्गेठी स्थित आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर बार बार जाते रहे लेकिन हर बार यहां ताला ही लटका मिला.बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब होते देख उसे चम्बा स्थित अस्पताल के लिए ले गए लेकिन बच्चे ने रास्ते में ही प्राण त्याग दिए.

दुर्गेठी के पंचायत समिति सदस्य रोहित कुमार सहित स्थानीय निवासी बसारिया राम,प्रीतो राम,अशोक,प्यूंदी,राजेश,भीमो,मनीष,रिंकू,पवन,करण,राजेश,सुभाष,विशाल,जगदीश,विजय,शशी,विकास आदि लोगों आज इस स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर कर्मचारियों की उपस्थिति की पड़ताल की तो स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका पाया.लोगों ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से इस स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक ही नहीं है.दुर्गेठी व आस पास की पंचायत के हजारों लोगों का स्वास्थ्य जांचने की जिम्मेदारी इस अस्पताल पर है.लेकिन सरकार व प्रशासन है कि उन्हें पता ही नहीं कि इस क्षेत्र के लोगों की क्या समस्याएं हैं.लोगों ने कहा कि यहां एक एलोपैथी पद्धति के अस्पताल की आवश्यकता है.ताकि गम्भीर रूप से बीमार व घायल लोगों को तुरन्त स्वास्थ्य लाभ मिल सके.

बच्चे की मृत्यु से नाराज लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कर बच्चे को समय पर उपचार न देने के लिए जिम्मेदार चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है ताकि भविष्य में किसी को उपचार के लिए तड़पना न पड़े.

गौरतलब है कि स्वास्थ्य संस्थानों को आपात स्वास्थ्य सेवा के लिए चौबीसों घंटे खुले रखने की व्यवस्था है.पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के देहांत पर घोषित दो दिवसीय अवकाश के दौरान 18 अगस्त को स्वास्थ्य संस्थानों को खुला रखने के आदेश थे लेकिन उक्त स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक फार्मासिस्ट के अभाव में चपरासी की मर्जी से खुलता बंद होता है.जिस कारण लोगों को बेहद समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

इस संदर्भ में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पृथी पाल सिंह ने कहा कि उक्त संस्थान के कार्यालय अध्यक्ष डॉ एसएस राणा से मामले की रिपोर्ट तलब की गई है.जिसमें उन्होंने कहा कि उक्त स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक तैनात कर दिया गया है.पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर घोषित दो दिवसीय अवकाश के कारण वह डयूटी पर नहीं पहुंचा.उन्होंने कहा कि नवजात की मौत किसकी लापरवाही से हुई है इसकी जांच की जाएगी इसमें जिस किसी की भी लापरवाही सामने आती है उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी.गौरतलब है कि सरकार ने विशेष सूचनाएं प्रसारित कर 18 अगस्त को अस्पतालों को खुला रखने के निर्देश जारी किए थे लेकिन इसके बावजूद यह स्वास्थ्य केंद्र बंद रहा तो इसकी जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्यवाही चो होनी ही चाहिए.