भरमौर क्षेत्र के दुर्गम गांव भदरा के लोगों पर आज प्रकृति ने भी टेढ़ी नजर कर दी.पहले से ही इस गांव की समस्याएं बेशुमार थीं जिन्हें दूर करने के लिए सरकार अभी शायद सोच ही रही हो लेकिन इसी बीच गांव को बन्नी गांव से जोड़ने वाले एक मात्र लकड़ी के पुल पर बीती रात पहाड़ी से चट्टाने आ दरकीं जिससे इसका एक किनारा तहस नहस हो गया.आज सुबह जब गांव के बच्चे रावमापा मांधा के लिए निकले तो टूटे हुए पुल के कारण वे वापिस घर आ गए.वहीं बन्नी गांव की ओर से भदरा गांव की ओर जा रहे लोगों को भी वापिस लौटना पड़ा.बड़ग्राम पंचायत के प्रधान काहन सिंह कपूर ने कहा कि वन विभाग द्वारा निर्मित यह पुल बड़ग्रां व तुन्दाह पंचायत को जोड़ने वाली एकमात्र कड़ी है.बीती रात यह भी भूसख्लन की भेंट चढ़ गया है.उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि लोगों की आवाजाही बहाल करने के लिए जल्द इस पुल का निर्माण किया जाए.जब तक यह पुल निर्मित नहीं होता बच्चे स्कूल नहीं जा पाएंगे.
मामले की सूचना मिलने पर अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पृथीपाल सिंह ने जल्द पुल निर्माण कार्य शुरू करने का आश्वासन देते हुए वन विभाग को निर्देशित किया है.
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने पिछले कल ही पूरे जिला के शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषणा की सूचना जारी कर दी थी लेकिन भदरा गांव में कोई मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण किसी को अवकाश की सूचना नहीं थी जिस कारण गांव के बच्चे आज रावमापा मांधा के लिए निकल पड़े थे.