हम,तुम से न कुछ कह सके ! तुम हम से न कुछ पाए…छतराड़ी जनमंच.

रोजाना24,चम्बा -:छतराड़ी जनमंच कार्यक्रम में कुछ कहना चाहते थे लोग,लेकिन सरकार के आगे कब किसी की चलती है.जन मंच में खाद्य,नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री किशन कपूर 219 मुद्दों पर लोगों की समस्याएं सुनी.इनमें से 177 का तो मौके पर ही निपटारा कर दिया शेष समस्याओं का हल भी कुछ दिन में निकल आएगा यह भी माना जा सकता है.इनके अलावा जो समस्याएं थीं वो तो लोगों के मन में ही रह गईं.लोगों को उम्मीद थी कि प्रदेश सरकार के कैबिनट मंत्री आए हैं तो क्षेत्र के लिए कुछ तो सौगात देंगे.क्योंकि छतराड़ी मात्र एक पंचायत अथवा गांव नहीं बल्कि रुणुहकोठी,दुर्गेठी,औरा,उरैई,कूंर,पियूरा,छतराड़ी व लेच ग्राम पंचायतों के दर्जनों गांवों का केंद्र है जिसे भरमौर व होली घाटी की तरह ही समझा जाता है.इस घाटी में जनसंख्या घनत्व होली घाटी से कहीं ज्यादा व शीतकालीन पलायन कम है बावजूद इसके इस घाटी में मूलभूत सुविधाओं के हक के लिए सरकार को जनमंच लगाना पड़ा.घाटी के लोग यहां मॉडल स्कूल,मॉडल महाविद्यालय,नागरिक अस्पताल,बैंक शाखा,एटीएम,स्टेट हाईवे,घरेलु गैस एजैंसी केंद्र,कार पार्किंग,सीवरेज कनेक्शन जैसी सुविधाओं की मांग करते आए हैं.यह मांगें इतनी चर्चित हैं कि स्कूल जाने वाले बच्चे एक सांस में इन्हें गिना देंगे.आज जन मंच के मौके पर भी लोगों को उम्मीद थी कि चुनाव के बाद उनके विधायक व मंत्री एक साथ घाटी में आए हैं तो सरकार की ओर से कोई बड़ा फैसला जरूर सुनाएंगे.लेकिन जनमंच दोपहर के भोजन तक निपटा लिया गया.मंत्री व विधायक के भाषण लोग उत्सुक भरे भाव से सुनते रहे लेकिन इसमें जब कुछ न निकला तो लोग मायूस हो गए.प्रमाण पत्र,स्वास्थ्य जांच,गैस क्नैक्शन,सामाजिक सुरक्षा पेंशन आदि जैसी सामान्य समस्याएं जिन लोगों की हल हो गईं वे कुछ समय के लिए खुश तो हो गए लेकिन मुख्य समस्याओं के हल न होने की पीड़ा उनको भी भीतर से परेशान कर रहा था.चम्बा में मुख्यमंत्री के दौरे के कारण जनमंच कार्यक्रम को भी दोपहर के भोजन तक समेट लिया गया.नेता अपने सरकारी हमले के साथ चम्बा रवाना हो गए और छतराड़ी घाटी के लोग उन पुराने मुद्दों पर न कुछ कह पाए और न ही कुछ सुन पाए.

य ह सही है कि जनमंच पर ऐसी समस्याओं पर चर्चा के लिए नियमानुसार कोई प्रावधान नहीं था लेकिन जनता के प्रतिनिधि इन मुद्दों पर सरकार के रुख को राजनीतिज्ञ की तरह भी नहीं रख पाए.

अब लोग हमेशा की तरह फिर से उम्मीद में बैठ गए हैं कि हो सकता है लोस चुनाव 2019 से पूर्व सरकार इस घाटी के लोगों के लिए कोई बड़ी घोषणा करे.