सुबह 9:30 बजे ओपीडी में उपस्थिति अनिवार्य, 11 बजे वार्ड राउंड, अस्पताल प्रशासन ने जारी किए सख्त आदेश
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में अब डॉक्टरों की मनमर्जी पर लगाम कस दी गई है। मरीजों की लगातार बढ़ती शिकायतों और डॉक्टरों की लापरवाही को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं कि अगर कोई चिकित्सक समय पर ओपीडी में नहीं पहुंचा, तो उसी दिन उसे कारण बताओ नोटिस थमा दिया जाएगा।
एमएस डॉ. ए.के. सिंह द्वारा जारी इन निर्देशों के तहत कहा गया है कि अब हर डॉक्टर को सुबह 9:30 बजे तक ओपीडी में अनिवार्य रूप से उपस्थित होना होगा, और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
⏰ समय का पालन जरूरी: ओपीडी, राउंड और उपस्थिति
- सुबह 9:30 बजे: डॉक्टरों को ओपीडी में रिपोर्ट करना अनिवार्य
- सुबह 11 बजे: सभी वार्डों का नियमित राउंड
- शाम 4 बजे तक: डॉक्टर को ओपीडी में मौजूद रहना होगा
प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि राउंड या अन्य कार्य के नाम पर देर से ओपीडी पहुंचना अब स्वीकार नहीं होगा।
⚠️ मरीजों की शिकायत बनी कार्रवाई की वजह
पिछले कई महीनों से मरीजों और तीमारदारों की ओर से अस्पताल प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि:
- डॉक्टर समय पर ओपीडी में नहीं पहुंचते
- घंटों इंतजार के बाद भी इलाज नहीं मिल पाता
- पर्चियों की लंबी कतार लग जाती है
- शिशु रोग ओपीडी में डॉक्टर अक्सर अनुपस्थित रहते हैं
🏥 एक डॉक्टर, सौ से अधिक मरीज!
सूत्रों के अनुसार, शिशु रोग ओपीडी में डॉ. सतीश के सेवानिवृत्त होने के बाद सिर्फ एक ही डॉक्टर कार्यरत रह गया था, जो पहले वार्ड का राउंड करते थे और उसके बाद ओपीडी में बैठते थे। राउंड खत्म होते-होते 11 बजे तक का समय हो जाता, तब तक 100 से अधिक मरीज पर्ची कटवा चुके होते, जिससे ओपीडी में भारी भीड़ और अव्यवस्था हो जाती थी।
🕵️♂️ औचक निरीक्षण होगा रोज़ाना
प्रशासन ने यह भी तय किया है कि अब प्रतिदिन किसी न किसी ओपीडी का औचक निरीक्षण किया जाएगा। यदि कोई भी डॉक्टर सुबह 9:30 बजे तक ओपीडी में उपस्थित नहीं पाया गया, तो उसी दिन संबंधित चिकित्सक को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया जाएगा।
“अब समय की पाबंदी अनिवार्य होगी। डॉक्टर अपनी मर्जी से नहीं, अस्पताल के तय शेड्यूल से चलेंगे। मरीजों को समय पर इलाज देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
– डॉ. ए.के. सिंह, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, बिलासपुर अस्पताल
✅ उद्देश्य: इलाज की गुणवत्ता और समय पर सेवा
इन नए निर्देशों का उद्देश्य न केवल डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करना है, बल्कि मरीजों को समय पर, व्यवस्थित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा देना भी है। इससे ओपीडी की भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा और डॉक्टरों पर अनावश्यक दबाव भी कम होगा।