धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम के अध्यक्ष और कैबिनेट रैंक मंत्री आरएस बाली ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधोसंरचना विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अनछुए पर्यटक स्थलों को सड़क सुविधाओं से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, ताकि पर्यटकों को आसानी से आवाजाही की सुविधा मिल सके।
कांगड़ा को बनाया जाएगा पर्यटन राजधानी
आरएस बाली ने कहा कि कांगड़ा जिले को टूरिज्म कैपिटल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, बनखंडी में जूलॉजिकल पार्क, नगरोटा बगवां में ओल्ड एज वेलनेस रिज़ॉर्ट एवं हाई-एंड फाउंटेन, नरघोटा में प्रस्तावित टूरिज्म विलेज, आइस स्केटिंग और रोलर स्केटिंग रिंक, तथा हेलीपोर्ट जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स का कार्य शीघ्र आरंभ करने की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
ईको-पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
पर्यटन निगम अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर वन क्षेत्रों में 11 ईको-पर्यटन स्थल चिन्हित किए हैं। इनमें कांगड़ा जिले के पालमपुर वन मंडल के स्वार, सौरभ वन विहार, न्यूगल पार्क और बीड़-बिलिंग शामिल हैं। हर ईको-पर्यटन स्थल को एक हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।
इन स्थलों का विकास और संचालन आउटसोर्सिंग के माध्यम से किया जाएगा, जिसके लिए आरक्षित मूल्य भी निर्धारित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ईको-पर्यटन को बढ़ावा मिलने से न केवल पर्यटकों की आमद बढ़ेगी बल्कि रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे, जिससे प्रदेश का राजस्व भी बढ़ेगा।