भरमौर में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, 80% पद खाली: भरमौर अस्पताल में सिर्फ 2 डॉक्टर, 2 नर्स, 2 फार्मासिस्ट

भरमौर में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, 80% पद खाली: भरमौर अस्पताल में सिर्फ 2 डॉक्टर, 2 नर्स, 2 फार्मासिस्ट

भरमौर (चंबा): जनजातीय क्षेत्र भरमौर में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बद से बदतर हो गई है। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर भरमौर से प्राप्त ताजा आंकड़ों के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग में कुल 128 स्वीकृत पदों में से मात्र 39 पदों पर ही कर्मचारी तैनात हैं, जबकि 89 पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। 39 पदों में भी 15 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, अगर इन्हें छोड़ दिया जाए तो लगभग 80% पद खाली हैं।

डॉक्टरों की भारी कमी: भरमौर अस्पताल सिर्फ 2 डॉक्टर, 2 नर्स, 2 फार्मासिस्ट

भरमौर अस्पताल और उससे जुड़े स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा अधिकारियों (Medical Officer) के 18 पद स्वीकृत हैं, परन्तु मात्र 6 डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। बीएमओ का पद भी खाली पड़ा है। दंत चिकित्सक (Dental Surgeon) के दोनों पदों पर कोई डॉक्टर नहीं है। फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर और मुख्य फार्मासिस्ट जैसी महत्वपूर्ण श्रेणियों में भी भारी रिक्तियां हैं।

भरमौर अस्पताल का तो इतना बुरा हाल है कि सिर्फ 2 डॉक्टर, 2 नर्स और 2 फार्मासिस्ट ही हैं। इतना बुरा हाल तो पिछले 20 साल में शायद ही कभी हुआ हो।

स्टाफ नर्स और तकनीकी स्टाफ की कमी

10 स्टाफ नर्सों के स्थान पर मात्र 2 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं। लैब टेक्नीशियन (MLT ग्रेड-2) के 6 पदों में से केवल 2 भरे हैं। वार्ड सिस्टर, एफएचएस (Female Health Supervisor), और प्रशिक्षित दाई जैसे अहम पदों पर भी सीमित स्टाफ काम कर रहा है।

भरमौर ब्लॉक में स्वास्थ्य पदों की जानकारी

स्वास्थ्य केंद्रों में ताले लगाने की नौबत

ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और सब-सेंटरों पर हालत और भी खराब है। कई उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता ही तैनात नहीं हैं। पुरुष और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कुल 38 पदों में से एक भी भरा नहीं गया है।

लोगों में आक्रोश

स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनावों के समय नेताओं द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में भरमौर जैसे दुर्गम क्षेत्रों को हमेशा उपेक्षित रखा जाता है। गांवों में इलाज के अभाव में छोटे-छोटे रोग भी जानलेवा बन रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से फिलहाल कोई ठोस कार्य योजना सामने नहीं आई है। विभागीय अधिकारी स्टाफ की कमी का हवाला देकर अपनी मजबूरी जताते हैं, लेकिन स्थानीय जनता का धैर्य अब जवाब देने लगा है।

जनहित में सरकार से मांग

भरमौर वासियों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरा जाए और स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए, ताकि दुर्गम क्षेत्र के लोगों को भी प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं समय पर मिल सकें।