शिमला में आपदा प्रबंधन पर तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न, अधिकारियों को मिला प्रशिक्षण

शिमला में आपदा प्रबंधन पर तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न, अधिकारियों को मिला प्रशिक्षण

उपायुक्त कार्यालय शिमला के बचत भवन सभागार में आयोजित तीन दिवसीय आपदा प्रबंधन कार्यशाला गुरुवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुई। यह कार्यशाला विशेष रूप से भीड़ प्रबंधन विषय पर केंद्रित थी, जिसमें जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी की।

कार्यशाला का समापन उपमंडलाधिकारी (ग्रामीण), मंजीत शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और उनके योगदान की सराहना की।

समूहों ने दी प्रस्तुति

तीसरे और अंतिम दिन प्रतिभागियों को चार समूहों में विभाजित किया गया और उन्होंने अलग-अलग परिकल्पित आपदाओं पर आधारित प्रेजेंटेशन दीं। इनमें समर फेस्टिवल, विंटर कार्निवाल, डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी ऑपरेशन, और मास कॅजुअलिटी मैनेजमेंट इन हॉस्पिटल जैसे परिदृश्यों को कवर किया गया।

विशेषज्ञों से मिली व्यावहारिक जानकारी

कार्यशाला में कर्नल वीएन सुपनेकर ने विषय विशेषज्ञ के रूप में हिस्सा लिया और भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन प्रतिक्रिया, और संकट स्थिति में तालमेल जैसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को रियल टाइम सिमुलेशन और केस स्टडीज के माध्यम से व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया।

विभागीय भागीदारी

इस प्रशिक्षण में राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सेना, एसडीआरएफ, पुलिस, गृह रक्षक, सिविल डिफेंस, जल शक्ति विभाग, अग्निशमन, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, मंदिर प्रबंधन समिति और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य आपदा की स्थिति में त्वरित, प्रभावी और समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करना था।

प्रशिक्षण से मिलेगा व्यवहारिक लाभ

एसडीएम मंजीत शर्मा ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण न केवल अधिकारियों की जागरूकता को बढ़ाते हैं, बल्कि असल आपदा की स्थिति में उनकी प्रतिक्रिया को अधिक प्रभावशाली और सुव्यवस्थित बनाते हैं।