हिमाचल प्रदेश में शराब पर लगेगा ‘प्राकृतिक खेती सेस’, देसी पर ₹2 और अंग्रेजी पर ₹5 प्रति बोतल

हिमाचल प्रदेश में शराब पर लगेगा 'प्राकृतिक खेती सेस', देसी पर ₹2 और अंग्रेजी पर ₹5 प्रति बोतल

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से एक नया सेस लागू किया है। मंगलवार को जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, प्रदेश में अब देसी शराब की हर बोतल पर ₹2 और अंग्रेजी या विदेशी शराब की हर बोतल पर ₹5 का ‘प्राकृतिक खेती सेस’ (Natural Farming Cess) लगाया जाएगा।

यह सेस नई आबकारी नीति के तहत लगाया गया है, जिसे अब आधिकारिक रूप से राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है।

📜 अधिसूचना की मुख्य बातें:

  • प्राकृतिक खेती सेस लागू: देसी शराब पर ₹2 और अंग्रेजी/विदेशी शराब पर ₹5 प्रति बोतल का अतिरिक्त सेस।
  • कार्यान्वयन तिथि: अधिसूचना मंगलवार को जारी हुई है और अब यह सभी संबंधित इकाइयों पर लागू मानी जाएगी।
  • उद्देश्य: इस सेस से प्राप्त राशि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में उपयोग की जाएगी, जिससे जैविक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से टिकाऊ खेती को बल मिलेगा।

🏭 सप्लाई नियमों में भी बदलाव:

  • छुट्टियों पर भी सप्लाई: अब छुट्टी के दिन भी फैक्ट्रियों से थोक विक्रेताओं को शराब की आपूर्ति की जा सकेगी, बशर्ते उनके पास वैध लाइसेंस हो।
  • वाहन में परिवहन की छूट: लाइसेंसधारी कारोबारी छुट्टी के दिन वाहनों में शराब थोक वितरकों या बॉटलिंग प्लांट्स तक ले जा सकते हैं।

💰 लाइसेंस शुल्क भी तय:

  • शराब और बीयर की बोतलों पर लाइसेंस शुल्क: कैटेगरीवार निर्धारित किया गया है।
  • नई फैक्ट्रियों के लिए शुल्क: प्रदेश में शराब फैक्ट्री स्थापित करने हेतु विशेष लाइसेंस शुल्क भी तय कर दिया गया है।

🌿 प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा

इस सेस से एकत्रित राशि का उपयोग प्राकृतिक खेती (Zero Budget Natural Farming) और इससे जुड़े कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा। प्रदेश सरकार पहले से ही परंपरागत खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही है।

राज्य सरकार का यह कदम एक तरफ जहां राजस्व में बढ़ोतरी करेगा, वहीं दूसरी ओर पर्यावरणीय संरक्षण और स्वास्थ्यवर्धक कृषि प्रणाली को मजबूती देगा।