कार्तिक स्वामी मंदिर कुगती में कपाट खुलने पर प्रशासन रहा नदारद: नहीं की कोई व्यवस्था

कार्तिक स्वामी मंदिर कुगती में कपाट खुलने पर प्रशासन रहा नदारद: नहीं की कोई व्यवस्था

भरमौर/चंबा, 14 अप्रैल: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के कुगती गांव में स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर के कपाट आज बैसाखी पर्व के दिन श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। जहां करीब 10,000 से अधिक श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे, वहीं प्रशासनिक और ट्रस्ट स्तर पर पूर्ण अव्यवस्था ने श्रद्धालुओं की आस्था को झकझोर कर रख दिया।

पानी, शौचालय और भोजन की व्यवस्था नदारद

मंदिर पर बीते 18 वर्षों से भंडारे की सेवा में जुटी टीम के प्रधान तिलक शर्मा ने बताया कि भरमौर प्रशासन ने इस वर्ष कोई भी मूलभूत व्यवस्था नहीं की थी। मंदिर परिसर में पानी, शौचालय, और भोजन पकाने की व्यवस्था तक नहीं की गई, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

संकरे रास्ते, बिना सुरक्षा तैनाती

तिलक शर्मा ने बताया कि मंदिर तक पहुंचने वाला रास्ता बेहद संकरा और फिसलन भरा था, लेकिन प्रशासन की ओर से रास्ते को सुधारने या संकेत लगाने जैसी कोई तैयारी नहीं की गई। इसके अलावा नशे पर रोकथाम और सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोई पुलिस बल तैनात नहीं किया गया, जिससे माहौल असुरक्षित बन गया।

ट्रस्ट पर उठे सवाल, जनता ने जताया असंतोष

स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि मंदिर को सरकार द्वारा ट्रस्ट के अधीन कर देने के बावजूद, ट्रस्ट ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। श्रद्धालुओं की भारी संख्या के बावजूद ट्रस्ट की ओर से न तो सेवाएं दी गईं, न ही व्यवस्थाएं की गईं।

स्थानीय जनता ने यह भी कहा कि अगर ट्रस्ट प्रबंधन में असमर्थ है, तो मंदिर को फिर से जनता के नियंत्रण में सौंपा जाना चाहिए। इससे मंदिर की देखरेख, धार्मिक आयोजन और व्यवस्था संचालन स्थानीय सहभागिता से बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।

श्रद्धालुओं ने जताया दुख

श्रद्धालुओं का कहना है कि इतनी दूर और कठिन यात्रा के बाद जब मंदिर परिसर में पहुंचा जाए, तो भक्ति के साथ मूलभूत सुविधाएं मिलना आवश्यक है। इस वर्ष की अव्यवस्था ने श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाई है।

मुख्य बिंदु:

  • मंदिर में दर्शन करने पहुंचे 10,000+ श्रद्धालु
  • प्रशासन और ट्रस्ट की ओर से कोई व्यवस्था नहीं
  • स्थानीय जनता ने भोजन, धाम और सहायता का किया प्रबंध
  • पानी, शौचालय और सुरक्षा के प्रबंध न होने से श्रद्धालु परेशान
  • मंदिर को जनता को वापस सौंपने की उठी मांग