दवाई खरीद मामले में नया मोड़,चीफ फार्मासिट ने कहा मात्र गलतफहमी के कारण बना है मुद्दा .

चम्बा -: विधायक द्वारा दवाई खरीद घोटाले के खुलासे को चीफ फार्मासिस्ट ने सिरे से नकारा,कहा गलतफहमी के कारण पैदा हुआ विवाद.

परियोजना सलाहकार समिति की बैठक में भरमौर पांगी विस क्षेत्र के विधायक जिया लाल द्वारा मणिमहेश यात्रा के दौरान दवाई खरीद मामले में घपला होने का खुलासा करने के बाद आज भरमौर में सारा दिन इसी बात पर चाचा रही.हर जगह लोग अपने मन में उठ रहे प्रश्नों के जबाव तलाश कर रहे थे.विधायक ने अपने फैसले में एडीएम भरमौर को जांच के आदेश दे दिए हैं.उनका साफ कहना है कि मामले की हर हाल में जांच होगी व दोषियों को कड़ी सजा दिलवाएंगे.

खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा चीफ फार्मासिस्ट को जिम्मेदार ठहराने के बाद मामले ने ज्यादा तूल पकड़ लिया है.

चीफ फार्मासिस्ट करनैल सिंह ने आज इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि पंद्रह लाख की यह दवाइयां भरमौर स्वास्थ्य खंड के लिए सालाना बजट के अंतर्गत मंगवाई गई थीं न कि मणिमहेश यात्रा के लिए.उन्होंने कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान यात्रियों के लिए क्यासी हजार रुपये की दवाइयां मंगवाई गईं थीं.अस्पताल के लिए खरीदे जाने वाले सामान के लिए अस्पताल चिकित्सकों की बीएमओ सहित चार लोगों की कमेटी बनी है जिनके हस्ताक्षर के बिना कोई चीज नहीं खरीदी जा सकती.वहीं जिस अवधि में दवाई खरीद के मामले में खंड चिकित्सा अधिकारी से प्रश्न पूछे गए उस दौरान खंड चिकित्सा अधिकारी ने भी नया नया कार्यभार सम्भाला था हो सकता है उन्हें इस बारे में कोई जानकारी न हो.चीफ फार्मासिस्ट के तर्क कितने सही व गलत हैं यह तो अब जांच के उपरांत ही पता चलेगा लेकिन खंड चिकित्सा अधिकारी के बदलते ब्यानों ने मामले को हवा जरूर दे दी है.अब लोग यह प्रश्न उठा रहे हैं जब खंड चिकित्सा अधिकारी को मामले की जानकारी नहीं थी तो उन्होंने अस्पताल के स्टोर इंचार्ज,अधीक्षक,लेखा विभाग से जानकारी क्यों नहीं मांगी.इतने बड़े स्तर पर खरीद फरोख्त के लिए एडीएम अथवा एसडीएम की अनुमति तो लेनी ही पड़ती है.ऐसे में अगर अनियमताएं सामने आती हैं तो बड़े अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं.

एडीएम पीपी सिंह ने कहा कि उन्होंने खंड.चिकित्सा अधिकारी भरमौर से सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है.अगर जबाव संतोष जनक न हुआ तो वे आगामी कार्यवाही अमल में लाएंगे.