भरमौर, चंबा – हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित प्रसिद्ध कार्तिक स्वामी मंदिर, कुगती के कपाट बैसाखी पर्व (13 अप्रैल) को पूरे विधि-विधान के साथ खोले जाएंगे। इस पवित्र अवसर की जानकारी भरमौर के प्रसिद्ध लहंगा पंडित जी ने दी।
पवित्र अनुष्ठानों के साथ होगी कपाट खुलने की प्रक्रिया
प्रत्येक वर्ष कार्तिक स्वामी मंदिर के द्वार सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण बंद कर दिए जाते हैं। बैसाखी के दिन विशेष पूजा-पाठ और अनुष्ठानों के बाद कपाट खोले जाते हैं, जिससे श्रद्धालुओं को भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने का शुभ अवसर प्राप्त होता है।
मंदिर खुलने के दिन स्थानीय पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार, हवन और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दौरान बाबा कार्तिक स्वामी की प्रतिमा का अभिषेक कर विशेष श्रृंगार किया जाएगा।
भगवान कार्तिक स्वामी का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
कार्तिक स्वामी, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं, जिन्हें युद्ध और पराक्रम के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर कुगती गांव में स्थित है, जो कि हिमालय की ऊंचाइयों पर बसा एक पवित्र स्थल माना जाता है।
यहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, विशेष रूप से श्रावण मास और बैसाखी पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को कठिन पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन बाबा कार्तिक स्वामी की आस्था उन्हें इस कठिन यात्रा को भी सहज बना देती है।
श्रद्धालुओं में भारी उत्साह, तैयारियां जोरों पर
मंदिर खुलने की खबर से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। मंदिर प्रशासन और स्थानीय पंचायत द्वारा व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सड़क मार्ग की सफाई और अन्य तैयारियां पूरी की जा रही हैं।
कैसे पहुंचे कुगती कार्तिक स्वामी मंदिर?
- मंदिर भरमौर से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यहां पहुंचने के लिए पहले भरमौर तक बस या टैक्सी से यात्रा करनी होती है।
- उसके बाद श्रद्धालुओं को करीब 4-5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है, जो एक रोमांचक और आध्यात्मिक अनुभव होता है।
बैसाखी के दिन भगवान कार्तिक स्वामी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे, जिससे क्षेत्र में भव्य धार्मिक माहौल बनने की संभावना है।
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