चम्बा-: मणिमहेश यात्रियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए मणिमहेश न्यास का गठन किया गया है.न्यास के धन से ही यात्रियों को सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.लेकिन न्यास की आय में योगदान करने वाले दानपात्रों को अक्सर निर्धारित स्थल पर लगाने के बजाए इन्हें मंदिर से हटा कर या तो छुपा या फिर ऐसी जगह रख दिया जाता है जहां कोई श्रद्धालु न पहुंच पाए.भरमाणी माता मंदिर में लगाए गए दान पात्रों को मणिमहेश यात्रा के बाद से ही वहां से हटाकर एक सराय में छुपा दिया गया है.मणिमहेश न्यास ने चौरासी मंदिर परिसर व भरमाणी मंदिर परिसर में स्थाई रूप से दान पात्र स्थापित कर रखे हैं जबकि हड़सर,धन्छो,गौरी कुंड,मणिमहेश,लंगर सेवा समितियों के पास अस्थाई रूप से दानपात्र रखे जाते हैं जिन्हें यात्रा समाप्त होने के पश्चात वहां से उठा लिया जाता है.
न्यास ने लाखों रुपये खर्च करके करीब 150 दान पात्र बनवाए हैं.लेकिन इन दान पात्रों को जहां स्थापित किया जाना चाहिए था वहां रखा ही नहीं गया.न्यास को भरमाणी माता मंदिर परिसर में स्थापित दान पात्रों से सबसे अधिक आय प्राप्त होती है.बीते वर्ष यात्रा के दौरान भरमाणी में स्थापित दानपात्रों से करीब चार लाख रुपये का चढ़ावा प्राप्त हुआ था.लेकिन यात्रा समाप्त होने के बाद से ही मंदिर परिसर से दान पात्र गायब पाए गए.लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि इन दान पात्रों को वहां निर्मित एक सराय में रख दिया गया है.लेकिन इन दान पात्रों को मंदिर परिसर से किसने और क्यों हटाया गया इस बारे में प्रशासन को भी कोई जानकारी नहीं है.इस बारे में उपमंडलाधिकारी पीपी सिंह का कहना है कि उन्होंने हाल ही में यहां पदभार सम्भाला है,जबकि न्यास की जिम्मेदारी अतिरिक्त जिला दण्ड अधिकारी देख रहे हैं.उन्होंने कहा कि पदभार सम्भालते ही वे इस बारे में छानबीन कर आवश्यक कार्यवाही करेंगे.
वहीं भरमाणी माता मंदिर परिसर में विकास कार्य करवा रही भरमाणी मंदिर विकास कमेटी के सचिव कुलदीप ठाकुर का कहना है कि मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए कमेटी तीन वर्ष पूर्व तक कार्य कर रही थी जिसके लिए कमेटी ने मंदिर परिसर में दान पात्रों से प्राप्त आय का उपयोग भी किया था.लेकिन तीन वर्ष पूर्व न्यास ने उनसे दान पात्र की चाबी प्राप्त कर ली थी.उन्होंने कहा कि भरमाणी में विकास कार्य पूरी तरह ठप्प पड़े हैं मंदिर के चढ़ावे से हुई आय का क्या किया जाता है किसी को पता नहीं.भरमाणी मंदिर विकास कमेटी का कहना है कि भरमाणी माता मंदिर से प्राप्त होने वाले चढ़ावे को इसी मंदिर के विकास व यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर खर्च किया जाना चाहिए.
यहां आने वाले श्रद्धालु अक्सर मंदिर के लिए दान करना चाहते हैं लेकिन दान पात्रों को छुपा दिए जाने के कारण श्रद्धालुओं को दान करने के लिए देवी प्रतिमा के सम्मुख ही दानराशी रखनी पड़ती है जिसका श्रद्धालुओं की सुविधाओं व मंदिर परिसर के विकास कार्यों में उपयोग नहीं हो रहा है. लोगों ने प्रशासन व सरकार से मांग की है कि न्यास इस महत्वपूर्ण मंदिर की देवी प्रतिमा के सम्मुख भूमिगत दान पात्र स्थापित किया जाए.वहीं मंदिर मैं चढ़ने वाले चढ़ान की सुरक्षा के लिए सी सी टीवी लगवाए जाएं.