हिमाचल प्रदेश के बिजली महादेव में यंग द्रुकपा एसोसिएशन (YDA) गरशा लाहुल ने रविवार को अपनी 13वीं इको पदयात्रा का आयोजन किया। इस पर्यावरण जागरूकता अभियान में कुल्लू, लाहौल-स्पीति और किन्नौर से 200 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।
धर्मगुरुओं और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति
वाई डी ए गरशा के अध्यक्ष सुशील ने जानकारी दी कि इस आयोजन में देचेन छोकर गोम्पा शाडाबई के बौद्ध धर्म गुरु सोमंग रिंपोछे, आचार्य रोशन लाल नेगी, लामा गण और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 9 बजे कुल्लू से हुई, जिसे कुल्लू जिला एडीसी अश्विनी कुमार और रिंपोछे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
धार्मिक अनुष्ठान और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
इस अवसर पर बिजली महादेव प्रांगण में पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, जिसमें धर्मगुरु सोमंग रिंपोछे ने सभी के सुख-शांति और पर्यावरण की शुद्धि के लिए विशेष प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।
एडीसी अश्विनी कुमार ने कहा कि वाई डी ए गरशा पहले भी बिजली महादेव क्षेत्र में सफाई अभियान चला चुका है, जो कि एक प्रशंसनीय पहल है। उन्होंने कहा कि ऐसे पर्यावरणीय अभियानों से पर्यटन स्थलों की स्वच्छता बनी रहती है और लोगों में जागरूकता फैलती है।
वाई डी ए गरशा और लिव टू लव की संयुक्त पहल
वाई डी ए गरशा के प्रेस सचिव कुंगा बोध ने बताया कि संस्था लिव टू लव (Live to Love) संगठन के साथ मिलकर हिमाचल के धार्मिक स्थलों पर इको पदयात्राओं का आयोजन करती है। इन यात्राओं का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, सफाई अभियान और प्लास्टिक के कम से कम उपयोग को प्रोत्साहित करना है।
उन्होंने बताया कि इस यात्रा में प्लास्टिक और डिस्पोजेबल सामान लाने पर प्रतिबंध लगाया गया था, जिससे बिजली महादेव क्षेत्र को साफ-सुथरा बनाए रखने में मदद मिले।
भविष्य में भी जारी रहेगा अभियान
वाई डी ए गरशा के अध्यक्ष सुशील ने कहा कि यह संस्था भविष्य में भी ऐसे इको पदयात्राओं का आयोजन करती रहेगी। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं और वॉलंटियर्स का आभार व्यक्त किया और समाज को पर्यावरण संरक्षण के लिए मिलकर कार्य करने का संदेश दिया।