हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में फेडरल मुगल इंडस्ट्रीज में रविवार देर रात अचानक आग लग गई। हादसे के वक्त कंपनी में रात की शिफ्ट में 10 कर्मचारी काम कर रहे थे। आग कंपनी के प्लेटिंग प्लांट में लगी, जो उस समय बंद था। कर्मचारियों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी, जिसके बाद परवाणू अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाने में जुट गई।
केमिकल्स के कारण आग ने लिया भयंकर रूप
कंपनी के प्लेटिंग प्लांट में मौजूद केमिकल्स के कारण आग तेजी से फैल गई और भीषण रूप ले लिया। फायर ब्रिगेड के जवानों को आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि, समय रहते दमकल विभाग ने आग पर काबू पा लिया और करोड़ों की संपत्ति को सुरक्षित बचा लिया।
फेडरल मुगल इंडस्ट्रीज की ऑफिसर राधिका ने बताया कि “इस अग्निकांड में किसी भी प्रकार की जान हानि नहीं हुई है, लेकिन आग से नुकसान हुआ है।”
शॉर्ट सर्किट बना आग का कारण, डेढ़ घंटे में पाया काबू
शुरुआती जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। परवाणू अग्निशमन विभाग के फायर ऑफिसर अनिल कुमार ने बताया कि “रविवार रात लगभग 1:30 बजे सेक्टर-2 में स्थित फेडरल मुगल इंडस्ट्रीज में आग लगने की सूचना मिली। दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।”
अग्निकांड में करीब 2 लाख रुपये का नुकसान हुआ है, हालांकि समय रहते बड़ा हादसा टाल दिया गया।
परवाणू के उद्योगों में सुरक्षा के मानकों की अनदेखी
परवाणू प्रदेश का सबसे पुराना औद्योगिक क्षेत्र है, लेकिन इसके बावजूद यहां कई उद्योग ऐसे हैं जिनके पास फायर एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) तक नहीं है।
- कई उद्योगों के भवन सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं बने हैं।
- फायर एनओसी के बिना उद्योग धड़ल्ले से संचालित किए जा रहे हैं।
- आग लगने जैसी घटनाओं में श्रमिकों की सुरक्षा का उचित इंतजाम नहीं किया जा रहा।
औद्योगिक इकाइयों में लगातार हो रही लापरवाही को देखते हुए प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बिना फायर एनओसी के ये उद्योग कैसे संचालित हो रहे हैं?
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों और औद्योगिक मजदूर संघ ने प्रशासन से मांग की है कि परवाणू के सभी उद्योगों की फायर सेफ्टी ऑडिट करवाई जाए और जिनके पास फायर एनओसी नहीं है, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।