हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक महिला द्वारा खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से लाखों रुपए ठगने का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है और उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
फर्जी अधिकारी बनकर सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी
सूत्रों के अनुसार, आरोपी महिला औद्योगिक क्षेत्र ऊना में असिस्टेंट ऑफिसर के पद पर अपनी नियुक्ति बताती थी और खुद को सेरीकल्चर विभाग ऊना का अतिरिक्त प्रभारी भी बताकर लोगों को अपने जाल में फंसा रही थी। महिला ने सरकारी अधिकारी होने का हवाला देकर रेशम कीट पालन से जुड़ी योजनाओं में सब्सिडी दिलाने का झांसा दिया और कई ग्रामीणों से लाखों रुपये की ठगी की।
फर्जी पहचान पत्र और झूठे अनुबंध
लोगों का विश्वास जीतने के लिए आरोपी महिला ने डायरेक्टोरेट ऑफ इंडस्ट्री, शिमला का एक फर्जी पहचान पत्र भी दिखाया। इसके बाद ग्रामीणों ने महिला के साथ सरकारी योजना के तहत अनुबंध (एग्रीमेंट) किए और शपथ पत्र तैयार करवाए।
ग्रामिणों को इस बात का विश्वास दिलाने के लिए महिला ने बाकायदा मोबाइल पर एसएमएस भेजकर उनके आवेदन के पंजीकरण की पुष्टि भी करवाई। इस तरह उसने बड़ी चालाकी से लोगों को अपनी जालसाजी में फंसा लिया और उनसे बड़ी रकम ऐंठ ली।
गांव-गांव जाकर ठगी, स्वरोजगार के नाम पर भी किया फ्रॉड
आरोपी महिला ने ऊना जिले के कई गांवों में जाकर लोगों से संपर्क किया और उन्हें स्वरोजगार योजनाओं का लालच दिया। सब्सिडी और सरकारी सहायता के नाम पर उसने प्रत्येक व्यक्ति से हजारों से लेकर लाखों रुपए तक जमा करवा लिए।
पांवटा साहिब से गिरफ्तार हुई ठग महिला
जैसे ही लोगों को शक हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है, उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। एसपी ऊना राकेश सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए पुलिस थाना सदर ऊना की टीम गठित की गई।
पुलिस की इस टीम में हेड कांस्टेबल कमलदेव, कांस्टेबल निशा और गृहरक्षक विजय कुमार शामिल थे, जिन्होंने छानबीन के बाद महिला को पांवटा साहिब से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कर रही है आगे की जांच
फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि महिला ने अब तक कितने लोगों को ठगा है और उसके साथ इस जालसाजी में और कौन-कौन शामिल है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि कोई और इस महिला की ठगी का शिकार हुआ है तो वे तुरंत थाने में संपर्क करें।
इस मामले से जुड़े अहम बिंदु:
- फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को ठगा – खुद को सरकारी अधिकारी बताकर योजनाओं के नाम पर पैसा ऐंठा।
- फर्जी पहचान पत्र और सरकारी एसएमएस का इस्तेमाल – डायरेक्टोरेट ऑफ इंडस्ट्री, शिमला का फर्जी आईडी कार्ड और झूठे मैसेज।
- गांव-गांव जाकर लोगों को झांसे में लिया – स्वरोजगार और सब्सिडी के नाम पर लाखों की ठगी।
- पांवटा साहिब से गिरफ्तारी – पुलिस ने आरोपी महिला को ट्रैक कर दबोचा।
पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।