कुल्लू जिले की सैंज घाटी के तांदी गांव में सोमवार देर शाम भयानक आग लगने से दो रिहायशी मकान, एक फर्नीचर हाउस और देवता का भंडार पूरी तरह जलकर राख हो गया। इस भीषण अग्निकांड में करीब 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि, गनीमत रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
आग की लपटों ने पूरे गांव को दहशत में डाल दिया। ग्रामीणों ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गांव के बीच स्थित देवता ब्रह्मा के मंदिर को सुरक्षित बचा लिया, लेकिन उत्तम चंद पुत्र चेतराम और दिलीप सिंह पुत्र चेतराम के घरों को नहीं बचाया जा सका।
गांव में मची अफरा-तफरी, ग्रामीणों ने की आग बुझाने की कोशिश
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेज थी कि देखते ही देखते मकानों ने आग की लपटें पकड़ लीं। ग्रामीणों ने तुरंत आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन लकड़ी से बने मकान होने के कारण आग तेजी से फैल गई। मकानों के अंदर रखा सारा सामान जलकर राख हो गया।
ग्राम पंचायत धाऊगी की प्रधान विमला देवी ने बताया कि आग लगने के बाद दोनों परिवारों के मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए। उन्होंने प्रशासन से प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द राहत राशि प्रदान करने की मांग की।
प्रशासन ने दी फौरी राहत
अग्निकांड की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। तहसीलदार सैंज हीरालाल नलवा मौके पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया। प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को टैंट, तिरपाल और 10,000 रुपये की फौरी राहत राशि प्रदान की गई।
तहसीलदार हीरालाल नलवा ने कहा, “प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी। हमने प्रारंभिक राहत के तौर पर कुछ जरूरी सामान और नकद राशि दी है। नुकसान का आकलन कर सरकार से मुआवजे की सिफारिश की जाएगी।”
सैंज बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान में लगी आग
इस बीच, सैंज बाजार में भी आग लगने की एक अन्य घटना सामने आई है। बीते रविवार को योगिंद्र सिंह की इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान में अचानक आग लग गई। दुकान पूरी तरह से जलकर राख हो गई, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। हालांकि, स्थानीय लोगों की मदद से आग को फैलने से रोक लिया गया।
इस घटना के बाद स्थानीय व्यापारियों में भी दहशत का माहौल है। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
ग्रामीणों की मांग: प्रभावितों को मिले उचित मुआवजा
स्थानीय पंचायत प्रधान विमला देवी और ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से मांग की है कि अग्निकांड से प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए ताकि वे फिर से अपने घर बना सकें।
लंबी अवधि के लिए राहत की जरूरत
स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्दियों के मौसम में बेघर हुए इन परिवारों को तत्काल पुनर्वास की आवश्यकता है। प्रशासन को जल्द से जल्द उचित राहत और पुनर्वास योजना तैयार करनी चाहिए ताकि प्रभावित परिवारों को ठंड में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
लंबी अवधि के लिए जरूरी राहत: सर्दियों में पुनर्वास जरूरी, प्रशासन से जल्द योजना बनाने की मांग।
अग्निकांड से सतर्कता: गांवों में आग बुझाने के उपकरण और फायर ब्रिगेड की व्यवस्था पर जोर।
व्यापारियों की सुरक्षा: बाजार में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम की आवश्यकता।