हिमाचल: घुमारवीं में डॉक्टरों ने युवक के पेट से निकाले 33 सिक्के, सिजोफ्रेनिया से था ग्रसित

हिमाचल: घुमारवीं में डॉक्टरों ने युवक के पेट से निकाले 33 सिक्के, सिजोफ्रेनिया से था ग्रसित

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 33 वर्षीय युवक के पेट से ऑपरेशन कर 33 सिक्के निकाले गए। युवक को कई दिनों से पेट दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद परिजन उसे 31 जनवरी को एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जांच के दौरान डॉक्टरों को उसके पेट में सिक्के होने का संदेह हुआ, जिसके बाद एंडोस्कोपी और अन्य टेस्ट के जरिए पुष्टि हुई

ऑपरेशन में निकले दो, दस और बीस रुपये के सिक्के

ऑपरेशन करने वाले डॉ. अंकुश ने बताया कि मरीज के पेट में 247 ग्राम वजन के 33 सिक्के पाए गए, जिनमें दो, दस और बीस रुपये के सिक्के शामिल थे। उन्होंने बताया कि सिक्के पूरे पेट में फैल चुके थे, जिससे ऑपरेशन करना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया था। सर्जरी के दौरान, डॉक्टरों ने सी-आर्म स्कैनिंग तकनीक का इस्तेमाल किया ताकि सिक्कों को सही तरीके से ट्रैक कर बाहर निकाला जा सके। यह जटिल सर्जरी करीब तीन घंटे तक चली

सिजोफ्रेनिया से पीड़ित था युवक

डॉक्टरों के अनुसार, यह युवक सिजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से पीड़ित था। सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति की सोचने, समझने और वास्तविकता को परखने की क्षमता प्रभावित होती है। इस बीमारी के कारण कई बार मरीज भ्रम में जीता है और ऐसी चीजें खाने की कोशिश करता है, जो सामान्य व्यक्ति नहीं करता

डॉ. अंकुश ने बताया कि इस तरह के मामलों में मरीज को लगातार निगरानी और उचित मानसिक स्वास्थ्य उपचार की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर सिजोफ्रेनिया का इलाज सही समय पर न हो, तो मरीज का व्यवहार और भी जटिल हो सकता है

डॉक्टरों ने परिजनों को दी सतर्क रहने की सलाह

मामले की गंभीरता को देखते हुए, डॉक्टरों ने युवक के परिजनों को सलाह दी कि वे उसकी मानसिक स्थिति पर नजर बनाए रखें और नियमित रूप से उसकी दवा और चिकित्सा पर ध्यान दें। मानसिक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि सिजोफ्रेनिया के मरीजों में असामान्य आदतें विकसित हो सकती हैं, इसलिए इनके व्यवहार में अचानक बदलाव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, जहां मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों ने धातु के सिक्के, कीलें या अन्य अजीब चीजें निगल लीं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मरीजों की सही समय पर काउंसलिंग और दवा से इलाज जरूरी होता है

लंबे समय तक पेट में सिक्के रहने से हो सकता था खतरा

डॉक्टरों के अनुसार, यदि इन सिक्कों को समय रहते ऑपरेशन करके नहीं निकाला जाता, तो मरीज के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता था। लंबे समय तक पेट में धातु रहने से आंतों में घाव, संक्रमण और पेट से जुड़ी अन्य जटिलताएं हो सकती हैं

युवक की स्थिति अब स्थिर, डॉक्टरों की निगरानी में इलाज जारी

फिलहाल, युवक की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और वह डॉक्टरों की देखरेख में इलाज करवा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि सही मानसिक स्वास्थ्य उपचार और नियमित देखभाल से इस तरह की घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सकता है