हिमाचल प्रदेश के प्रतिष्ठित आईआईटी मंडी में कार्यरत महिला एसोसिएट प्रोफेसर मेनका अंबाड़ी (33 वर्षीय) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह महाराष्ट्र के नवी मुंबई की रहने वाली थीं। उनकी मौत 26 जनवरी को संस्थान की आवासीय कॉलोनी में हुई, जहां वह गिरने की स्थिति में पाई गईं।
क्या है पूरा मामला?
आईआईटी प्रशासन ने घटना की जानकारी कमांद पुलिस चौकी को दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की।
महिला प्रोफेसर के क्वार्टर के किचन से सुसाइड नोट बरामद हुआ।
नोट में उन्होंने लिखा कि वह किसी कारण से परेशान थीं, लेकिन इसमें किसी को भी दोषी नहीं ठहराया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच
प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गिरने से मौत की पुष्टि हुई है।
डीएसपी पधर देवराज ने बताया कि मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है।
पुलिस को महिला के गिरने की घटना किसी ने प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखी, जिससे मामला और संदिग्ध बन गया है।
शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया है।
संस्थान और पुलिस प्रशासन की संवेदना
आईआईटी मंडी और पुलिस प्रशासन ने इस दुखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता की जरूरत
इस घटना ने मानसिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक बार फिर गंभीर बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को समय पर मनोवैज्ञानिक परामर्श और सहयोग मिलना बेहद जरूरी है।
आईआईटी मंडी के शिक्षावर्ग और मेनका अंबाड़ी के परिवार के प्रति गहरी संवेदना। यह दुखद घटना सभी के लिए एक चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य को हल्के में नहीं लेना चाहिए