हिमाचल प्रदेश में एक डॉक्टर के साथ ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर 2.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने ठगी की रकम को ठिकाने लगाने के लिए 13 बेनामी बैंक खातों का इस्तेमाल किया।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिका
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है:
- गौरव आहूजा (42), सेक्टर-57, गुड़गांव, हरियाणा
- अमृत दास (40), सेक्टर-4, गुड़गांव, हरियाणा
- बाल मोहन (40), तहसील चिनियाली सौर, जिला उत्तरकाशी, उत्तराखंड
गौरव आहूजा गुड़गांव में एक आईटी कंपनी में वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में कार्यरत है। बाल मोहन उसके ड्राइवर के तौर पर काम करता था।
कैसे हुई ठगी?
शिकायतकर्ता, डॉ. अजय गोयल को ऑनलाइन ट्रेडिंग में अधिक रिटर्न का झांसा देकर फंसाया गया। आरोपियों ने उनसे 2,70,19,316.50 रुपये की राशि 13 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाई।
पुलिस जांच में पता चला कि सबसे पहले अमृत दास के बैंक खाते में 8,37,370 रुपये जमा हुए। बैंक की सीडीआर रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि अमृत दास के दोस्त और सह-आरोपी बाल मोहन ने इस राशि की निकासी में उसकी मदद की और यह रकम गौरव आहूजा को दे दी।
गिरफ्तारी और जांच का घटनाक्रम
- बाल मोहन के कबूलनामे के आधार पर गौरव आहूजा को गिरफ्तार किया गया।
- गौरव पर ठगी के मास्टरमाइंड होने का आरोप है।
- फिलहाल, मामले में चौथा आरोपी प्रदीप फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
मामला दर्ज और अदालत का फैसला
यह मामला 17 दिसंबर 2024 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, शिमला में आईपीसी की धारा 61(2), 318(4) और आईटी एक्ट की धारा 66-डी के तहत दर्ज किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें 5 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अदालत ने अपराध की गंभीरता और ठगी की बड़ी रकम को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया।
पुलिस की अपील
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऑनलाइन निवेश और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के झांसे में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।