शिमला के नेहरा गांव में महिला की झूठी कहानी का पर्दाफाश, चाकू से हमले की बात निकली फर्जी

शिमला के नेहरा गांव में महिला की झूठी कहानी का पर्दाफाश, चाकू से हमले की बात निकली फर्जी

शिमला: झंझीड़ी के नेहरा गांव में शुक्रवार को एक महिला द्वारा खुद पर चाकू से हमले का दावा किया गया, लेकिन पुलिस जांच में यह मामला पूरी तरह फर्जी निकला। महिला ने यह झूठी कहानी केवल परिवार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए गढ़ी थी।

क्या थी महिला की कहानी?

महिला ने दावा किया कि दो अजनबी उसके घर आए और उसके चाचा के बारे में पूछताछ करने लगे। उन्होंने पानी मांगने के बहाने उसके घर में प्रवेश किया। महिला ने बताया कि जब वह पानी लेने गई, तो एक व्यक्ति ने पीछे से चाकू से हमला किया।

यह कहानी सुनकर परिवार और पुलिस अलर्ट हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की।

पुलिस जांच में विरोधाभास

जांच के दौरान महिला के बयान और घटनास्थल के सबूतों में कई विरोधाभास सामने आए:

  • स्वेटर का ऊपरी हिस्सा फटा हुआ था, जबकि चोटें इससे काफी नीचे थीं।
  • चोटों का स्वरूप देखकर डॉक्टरों ने उन्हें खुद से लगाई गई चोटें बताया।
  • महिला के बयान बार-बार बदलते रहे।

इन तथ्यों के आधार पर पुलिस को शक हुआ और जब महिला से सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने अपनी साजिश कबूल कर ली।

परिवार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश

महिला ने स्वीकार किया कि उसके देवर की शादी की तैयारियों के बीच उसे अनदेखा किया जा रहा था। इस उपेक्षा से परेशान होकर उसने यह योजना बनाई ताकि परिवार का ध्यान उसकी ओर आकर्षित हो सके।

पुलिस का बयान

पुलिस के अनुसार, महिला मानसिक रूप से तनावग्रस्त थी। अपनी स्थिति से परेशान होकर उसने यह झूठी कहानी बनाई। पुलिस ने कहा कि इस घटना में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है, क्योंकि मामला घरेलू तनाव का नतीजा है।

समाज के लिए संदेश

यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना आवश्यक है। परिवारों को चाहिए कि वे एक-दूसरे की भावनाओं और जरूरतों को समझें और उन्हें उपेक्षित महसूस न होने दें।