सिरमौर: बाइक, स्कूटर और कारों में रेत-बजरी ढुलाई के आरोप, 50 लाख रुपये से अधिक के घोटाले की आशंका

शिमला के चर्चित मामले के बाद अब सिरमौर जिले में विकास कार्यों में कथित धांधली और अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। बाइक, स्कूटर और कारों जैसे वाहनों में रेत-बजरी ढोने के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस घोटाले में 50 लाख रुपये से अधिक की गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।

नाहन में बुधवार को आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान रेडली पंचायत निवासी और आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण दत्त शर्मा ने यह आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि इस मामले में उचित जांच के लिए उन्होंने विजिलेंस को शिकायत सौंपी है।

रेत-बजरी और विकास कार्यों में धांधली का आरोप

कृष्ण दत्त शर्मा ने खुलासा किया कि ग्राम पंचायत रेडली और दाना घाटों में विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गई हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दोनों पंचायतों में एक ही कंपनी द्वारा रेत-बजरी और अन्य निर्माण सामग्री की आपूर्ति दिखाई गई है।

आरटीआई में यह भी सामने आया है कि निर्माण सामग्री की ढुलाई के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जेसीबी और मैक्स गाड़ियों के नंबर दर्शाए गए हैं। यह दर्शाता है कि रेत-बजरी की ढुलाई के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है।

वाहनों की सूची जारी, जांच की मांग

शर्मा ने मीडिया के सामने आरटीआई के माध्यम से प्राप्त वाहनों के नंबर की सूची भी साझा की। उन्होंने आरोप लगाया कि इन वाहनों में ऐसे नंबर शामिल हैं, जो ढुलाई के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते।

शर्मा ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले में बार-बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को दबाने के लिए उन पर झूठे एट्रोसिटी के आरोप लगाए गए हैं।

विजिलेंस को सौंपी शिकायत

रेडली पंचायत निवासी ने कहा कि उन्होंने विजिलेंस को शिकायत देकर मामले की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भी मामले में हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई करने की अपील की है।

मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार

कृष्ण दत्त शर्मा ने कहा कि घोटाले के कारण सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। यदि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

यह मामला शिमला के हालिया चर्चित फर्जीवाड़े के बाद सिरमौर में सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है।