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सरकाघाट में पहली बार पैराग्लाइडिंग ट्रायल सफल, युवाओं ने प्रशासन से विकास की उम्मीद जताई

सरकाघाट में पहली बार पैराग्लाइडिंग ट्रायल सफल, युवाओं ने प्रशासन से विकास की उम्मीद जताई

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सरकाघाट में स्थित कुठेड़ धार में पहली बार सफल पैराग्लाइडिंग ट्रायल ने क्षेत्र को एडवेंचर टूरिज्म के नक्शे पर लाने की संभावना पैदा कर दी है। इस ऐतिहासिक ट्रायल में जितेंद्र कुमार, कुलदीप राठौर, और विजय राठौर ने पिंडी गलू नामक ऊंचाई से उड़ान भरकर रोपा कॉलोनी के खेतों में सुरक्षित लैंडिंग की। इस ट्रायल के बाद अब इन साहसी युवाओं ने प्रशासन और पर्यटन विभाग से इस स्थान को विकसित करने की मांग की है।

🪂 पैराग्लाइडिंग ट्रायल के पीछे की मेहनत

इस ट्रायल की शुरुआत तीन स्थानीय युवाओं ने की, जिन्होंने इस क्षेत्र की संभावनाओं को समझते हुए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और साहस का प्रदर्शन किया। जितेंद्र कुमार, जिनके पास 2008 से फ्लाइंग का अनुभव है, ने कुठेड़ धार की भौगोलिक विशेषताओं और जलवायु को ध्यान में रखते हुए इसे पैराग्लाइडिंग के लिए उपयुक्त बताया। कुलदीप और विजय राठौर ने उनके इस प्रयास में साथ देते हुए ट्रायल को सफल बनाया।

🏞️ पर्यटन और रोजगार की संभावनाएं

कुठेड़ धार की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि यह स्थान न केवल साहसिक खेलों के लिए उपयुक्त है, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन और रोजगार सृजन के लिए भी बड़ा मंच बन सकता है। जितेंद्र कुमार का कहना है, “हमने ट्रायल करके यह दिखा दिया कि यह जगह पैराग्लाइडिंग के लिए उपयुक्त है। अब प्रशासन को इसे विकसित करना चाहिए।”

अगर यह स्थान विकसित होता है, तो यहां होटल, कैफे, गाइड सेवाएं और अन्य पर्यटन-संबंधित रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

✨ प्रशासन से युवाओं की अपेक्षाएं

ट्रायल में शामिल युवाओं का कहना है कि अब समय आ गया है कि प्रशासन इस क्षेत्र पर ध्यान दे। जितेंद्र कुमार ने कहा, “सरकार और पर्यटन विभाग को यहां बुनियादी ढांचे का विकास करना चाहिए। ट्रायल में हमें कोई बड़ी परेशानी नहीं हुई, प्रशासन को यहाँ पैराग्लाइडिंग प्रोमोट करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।”

कुलदीप राठौर ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि कुठेड़ धार को एक साहसिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। “अगर यहां बेहतर सुविधाएं दी जाएं, तो यह बीड़-बिलिंग की तरह एक प्रमुख पैराग्लाइडिंग डेस्टिनेशन बन सकता है,” उन्होंने कहा।

🏔️ कुठेड़ धार: हिमाचल के एडवेंचर टूरिज्म में नई उम्मीद

बीड़-बिलिंग की तरह सरकाघाट का यह स्थान भी हिमाचल प्रदेश को एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई तक ले जा सकता है। युवाओं का मानना है कि अगर इस क्षेत्र को सही तरीके से विकसित किया गया, तो यह न केवल देशभर के साहसिक खेलों के प्रेमियों को आकर्षित करेगा, बल्कि विदेशी पर्यटकों का भी ध्यान खींचेगा।

✍️ स्थानीय लोगों की राय

स्थानीय निवासी भी इस ट्रायल को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि इस जगह को विकसित किया जाए ताकि इससे क्षेत्र में विकास और रोजगार के नए द्वार खुल सकें।

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