चंबा (हिमाचल प्रदेश): प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत चंबा जिले के सात राजस्व गांवों को योजना के लिए चिह्नित किया गया है। इस बात की जानकारी उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने उपायुक्त कार्यालय परिसर में आयोजित जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि इन गांवों का चयन वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उन क्षेत्रों में किया गया है, जहां जनसंख्या दो हजार से अधिक है।
चिह्नित किए गए गांवों में बनीखेत जरैई, सरोल, हरिपुर, उदयपुर खास, मंगला, करियां और साहू पदर शामिल हैं। इस योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर संयंत्र स्थापित करने के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
सोलर संयंत्र लगाने पर मिलेगा अनुदान
योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के लिए विभिन्न सोलर संयंत्र विकल्प दिए गए हैं:
- 1 किलोवाट सोलर संयंत्र: कुल लागत ₹55,000, जिसमें 60% अनुदान केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा।
- 2 किलोवाट सोलर संयंत्र: कुल लागत ₹1,10,000, जिसमें 60% अनुदान का प्रावधान।
- 3 किलोवाट सोलर संयंत्र: कुल लागत ₹1,59,500, जिसमें पहले 2 किलोवाट तक 60% और अतिरिक्त 1 किलोवाट पर 40% अनुदान मिलेगा।
सोलर मॉडल गांव का चयन
उपायुक्त ने बताया कि इन सात गांवों में से जिस गांव में सबसे अधिक सोलर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, उसे “सोलर मॉडल गांव” के रूप में चयनित किया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से सोलर मॉडल गांव के लिए ₹1 करोड़ की केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
स्थापना के लिए छह माह की समय सीमा
सोलर संयंत्र स्थापना के लिए छह महीने की समय सीमा तय की गई है। पंचायत प्रतिनिधियों को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा। उनके अधिकार क्षेत्र में लगाए गए हर सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए उन्हें ₹1,000 प्रति संयंत्र की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य जिले में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है और घर-घर स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करना है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करें।
चिह्नित गांवों की सूची:
- बनीखेत जरैई
- सरोल
- हरिपुर
- उदयपुर खास
- मंगला
- करियां
- साहू पदर
यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या का समाधान भी करेगी।