हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में भारी बर्फबारी के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। यहां तापमान माइनस 30 डिग्री तक गिर गया है, जिससे नदी-नाले और पानी की पाइपें जम चुकी हैं। इस कठिन परिस्थिति में जल शक्ति विभाग के तीन कर्मचारियों ने साहस और कर्तव्यपरायणता का अद्भुत परिचय देते हुए हिंसा गांव में जमी हुई नदी से पेयजल आपूर्ति को बहाल कर दिया।
कड़ाके की ठंड में साहसिक प्रयास
गांव हिंसा में पेयजल संकट के कारण स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। जल शक्ति विभाग के कर्मचारी सुनील, चतर सिंह, और विजेंद्र ने इस समस्या को हल करने का बीड़ा उठाया। तापमान जहां माइनस 30 डिग्री पर था, वहीं इन कर्मियों ने जमी हुई नदी में उतरकर घंटों मेहनत की और पानी की पाइप को बर्फ से मुक्त किया।
जमी नदी में उतरकर की गई बहाली
बर्फीले पानी में जहां कुछ सेकंड में ही शरीर सुन्न हो जाता है, वहां इन कर्मचारियों ने कई घंटे काम कर पेयजल आपूर्ति बहाल की। बर्फ से जमे नाले में उतरकर इन कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना पाइपों को साफ किया और पानी की आपूर्ति को चालू कर दिया।
गांववालों में खुशी की लहर
हिंसा गांव में पेयजल सुविधा शुरू होने के बाद लोगों के चेहरे खिल उठे हैं। गांववालों ने इन कर्मचारियों के साहसिक और निस्वार्थ प्रयास की जमकर सराहना की। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यहां की ठंड इतनी होती है कि शरीर भी जम जाए, लेकिन इन कर्मचारियों ने बिना किसी डर के काम किया और हमारी समस्या हल की।”
भारी बर्फबारी बनी चुनौती
लाहौल स्पीति जिले में इस साल भारी बर्फबारी के चलते जनजीवन पूरी तरह ठप है। नदी-नालों और पाइपों के जमने से पानी की आपूर्ति सबसे बड़ी समस्या बन गई है। लेकिन जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और साहस का परिचय देते हुए इस कठिनाई को पार कर दिखाया।
लोगों का जल शक्ति विभाग को धन्यवाद
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन कर्मचारियों का प्रयास प्रशंसा के योग्य है। इनकी वजह से अब गांव में पानी की आपूर्ति बहाल हो गई है और लोगों को राहत मिली है।