हिमाचल प्रदेश में 1000 से अधिक जनसंख्या पर ही होगी नई पंचायतों का गठन

हिमाचल प्रदेश में 1000 से अधिक जनसंख्या पर ही होगी नई पंचायतों का गठन

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने नई पंचायतों के गठन को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब केवल उन्हीं क्षेत्रों में नई पंचायतों का गठन होगा, जहां जनसंख्या 1000 से अधिक होगी। पंचायत राज विभाग ने इस संदर्भ में प्रक्रिया शुरू कर दी है और इच्छुक लोग अपने आवेदन दे सकते हैं।

नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया

प्रदेश में नई पंचायतों के गठन के लिए आवेदन पंचायत राज विभाग के साथ-साथ जिला उपायुक्तों को भी दिए जा सकते हैं। इस संबंध में अनीरुद्ध सिंह, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री ने जानकारी दी कि आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया गया है।

महत्वपूर्ण शर्तें:

  1. जनसंख्या सीमा: नई पंचायत का गठन उन्हीं क्षेत्रों में होगा, जहां न्यूनतम 1000 की जनसंख्या है।
  2. भौगोलिक स्थिति: आवेदन के लिए मानचित्र के साथ क्षेत्र की भौगोलिक जानकारी प्रस्तुत करनी होगी।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों का ध्यान: सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई पंचायतों के गठन से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आएगी।

आवेदन प्रक्रिया की विशेषताएं

  • आवेदन पंचायत राज विभाग या संबंधित उपायुक्त कार्यालय में जमा किया जा सकता है।
  • आवेदन के साथ जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और क्षेत्रीय मानचित्र की जानकारी आवश्यक है।
  • सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।

जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा निर्णय

नई पंचायतों के गठन के लिए मतदाता सूची को आधार बनाया जाएगा। सूची में दर्ज मतदाताओं की संख्या को ही जनसंख्या मानते हुए नई पंचायत का गठन किया जाएगा। यह नियम विशेष रूप से उन क्षेत्रों में लागू किया गया है, जहां लोगों को प्रशासनिक सेवाओं के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।

गठन में प्राथमिकता:

  • ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नई पंचायतों के गठन पर विचार नहीं होगा।
  • जनसंख्या 750 से कम होने पर आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

नई पंचायतों के गठन से लाभ

  1. प्रशासनिक सेवाओं में सुधार: नई पंचायतें ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने में मदद करेंगी।
  2. स्थानीय विकास को बढ़ावा: पंचायत स्तर पर छोटे-बड़े विकास कार्यों में तेजी आएगी।
  3. समस्याओं का समाधान: स्थानीय स्तर पर समस्याओं को सुलझाने में आसानी होगी।
  4. समुदाय की भागीदारी: नई पंचायतें स्थानीय समुदाय को निर्णय प्रक्रिया में अधिक भागीदारी का अवसर देंगी।

आंकड़े और वर्तमान स्थिति

हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 3612 पंचायतें हैं। सरकार के इस निर्णय से नई पंचायतों की संख्या सीमित हो सकती है, लेकिन इससे प्रशासनिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

सरकार की मंशा

राज्य सरकार का उद्देश्य पंचायतों का गठन इस तरह से करना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाएं समय पर उपलब्ध हों और विकास कार्यों में तेजी आए। नई पंचायतों का गठन जनसंख्या और आवश्यकता के आधार पर किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित हो कि संसाधनों का सही उपयोग हो।