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देहरा ट्रेड फेयर में मिक्की माउस जंपिंग झूला हादसा: सुरक्षा पर सवाल

देहरा शहर के हनुमान चौक के पास चल रहे निजी ट्रेड फेयर में रविवार को मिक्की माउस जंपिंग झूले में तकनीकी खराबी के चलते बड़ा हादसा टल गया।

देहरा शहर के हनुमान चौक के पास चल रहे निजी ट्रेड फेयर में रविवार को मिक्की माउस जंपिंग झूले में तकनीकी खराबी के चलते बड़ा हादसा टल गया। झूले पर घटना के वक्त 9-10 बच्चे मस्ती कर रहे थे, जब अचानक झूले में हवा भरने वाला उपकरण बंद हो गया। इसके चलते झूले का ऊपरी हिस्सा एक तरफ झुक गया, जिससे सभी बच्चे एक-दूसरे पर गिर गए।

बच्चों को लगी चोटें, अस्पताल में इलाज जारी

घटना के दौरान बच्चों के माता-पिता ने तुरंत हरकत में आकर झूले की तरफ दौड़ लगाई और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस हादसे में चार बच्चों को चोटें आईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।

घटना की गवाह बने बौंगता के निवासी राजीव कुमार ने बताया कि उनकी पांच साल की बेटी झूले के ऊपरी हिस्से पर खेल रही थी। झूले के झुकते ही वह नीचे गिर गई, जिससे उसकी टांग में चोट आई। राजीव ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद आयोजक मौके पर देर से पहुंचे और सुरक्षा इंतजाम न होने पर सवाल खड़े किए।

सुरक्षा इंतजामों की कमी पर सवाल

सुनहेत के अजय कुमार ने बताया कि उनका बेटा झूले के ऊपरी हिस्से की ओर जा रहा था, तभी झूले के झुकते ही चीख-पुकार मच गई। उन्होंने कहा कि मेले में अन्य झूलों के साथ-साथ इस तरह की घटनाएं गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं।

इस घटना के बाद मेले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोग नाराज हैं कि आयोजकों ने बिजली गुल होने जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए कोई वैकल्पिक उपाय नहीं किया था।

आयोजकों ने दी सफाई, झूले पर लगी रोक

ट्रेड फेयर के आयोजक संदीप कुमार ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि बिजली गुल होने की वजह से यह हादसा हुआ। उन्होंने दावा किया कि सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

डीएसपी देहरा अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की और आयोजक को जनरेटर जैसी वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। फिलहाल, झूले पर रोक लगा दी गई है। सुरक्षा इंतजाम पूरे होने के बाद ही इसे दोबारा शुरू किया जाएगा।

लंबी अवधि की सुरक्षा के लिए सख्त उपाय जरूरी

इस घटना ने ट्रेड फेयर और अन्य मेलों में झूलों की सुरक्षा को लेकर चिंताओं को उजागर किया है। बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त नियम लागू करने और नियमित जांच की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है।

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