हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराधियों ने ठगी के नए तरीके अपनाते हुए डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर लोगों को ठगने की घटनाओं को अंजाम दिया है। अपराधी खुद को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), पुलिस या कस्टम विभाग का अधिकारी बताकर लोगों को गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं। इस डर के चलते लोग बिना पुष्टि किए लाखों रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर देते हैं।
17 लाख की ठगी, गिरफ्तारी का डर दिखाया
हाल ही में सोलन जिले के एक व्यक्ति के साथ ऐसा ही हुआ। आरोपी ने पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने और गिरफ्तारी की धमकी देकर दो दिनों तक कॉल किया। आरोपी ने कहा कि अब तक 200 लोग इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं और पीड़ित का नाम भी सूची में है। गिरफ्तारी से बचने के लिए 17.5 लाख रुपये तुरंत बताए गए खाते में डालने को कहा।
डर से घबराए व्यक्ति ने सोलन के यूको बैंक की स्किबा शाखा से पैसे ट्रांसफर कर दिए।
ठगी के बढ़ते मामले: 7 केस में 2.26 करोड़ की धोखाधड़ी
साइबर क्राइम के अनुसार, पिछले छह महीनों में हिमाचल प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के 7 मामलों में लोगों से करीब 2.26 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। अपराधी फर्जी दस्तावेज, फर्जी वारंट और एजेंसियों की नकली मुहर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि लोग साइबर अपराधियों की बातों में आकर घबराते हैं और बिना जांच किए पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। अपराधियों का निशाना मुख्यतः वरिष्ठ नागरिक, सरकारी अधिकारी और व्यापारिक वर्ग के लोग होते हैं।
गुजरात में गिरोह का भंडाफोड़
हिमाचल पुलिस की सूचना पर गुजरात पुलिस ने एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया, जो डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी करता था। इस गिरोह से जुड़े तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों को हिमाचल लाकर पूछताछ की जाएगी।
डिजिटल अरेस्ट के प्रमुख मामले
1. 8 घंटे डिजिटल अरेस्ट और 40 लाख की ठगी
एक व्यक्ति को व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर फर्जी सीबीआई अधिकारी ने गिरफ्तार करने की धमकी दी। व्यक्ति को बताया गया कि उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल हुआ है और यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। आठ घंटे तक ऑनलाइन डराकर उनसे 40 लाख रुपये ऐंठ लिए गए।
2. महिला से 20 लाख रुपये की ठगी
एक महिला को वीडियो कॉल पर बताया गया कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है। गिरफ्तारी से बचने और केस रफा-दफा करने के नाम पर महिला से 20 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई।
कैसे बचें डिजिटल ठगी से?
- घबराएं नहीं: किसी भी अनजान कॉल पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें।
- जानकारी की पुष्टि करें: कॉल करने वाले व्यक्ति के बारे में जानकारी जुटाएं।
- साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें: कोई संदिग्ध मामला हो तो तुरंत हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
- कॉल रिकॉर्ड करें: ऐसे मामलों में कॉल की रिकॉर्डिंग और स्क्रीनशॉट जरूर रखें।
- सतर्क रहें: कोई भी सरकारी एजेंसी कभी ऑनलाइन पैसे मांगने का अनुरोध नहीं करती।