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मणिमहेश न्यास,लाडा,साडा में हुए घोटालों की होगी जांच-जियालाल कपूर

भरमौर में अस्पताल भवन का मुद्दा पिछले एक दशक से नेताओं व अधिकारियों के बीच फुटबाल की तरह ठोकरें खा रहा है.पूर्व सरकार ने अस्पताल भवन को हैलिपैड के पास से हटा कर पट्टी में स्थापित करने के लिए भूमि चयन कर शिलान्यास भी करवा दिया था.अस्पताल भवन निर्माण हिमुडा के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया गया था.जिसके लिए टेंडर भी हो चुके हैं.लेकिन मौजूदा विधायक जिया लाल ने अस्पताल भूमि चयन व टेंडर प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगा कर मामले में नया ट्विस्ट ला दिया है.उन्होंने आज पत्रकार वार्ता में कहा कि पूर्व सरकार के नेता व प्रशासन ने किस मंशा से अस्पताल भूमि के लिए पट्टी में किया व किस मंशा से यह कार्य हिमुडा को सौंपा गया इससे उनकी अदूरदर्शिता साफ दिखती है.उन्होंने कहा कि पट्टी में जिस स्थान पर पूर्व वन मंत्री ने अस्पताल भवन का शिलान्यास करवाया है पूर्व में उस स्थान पर भारी हिमसंख्लन होता रहा है.वहीं क्षेत्र में प्रीफेब्रीकेटड भवनों विश्वसनीयता प्रमाणिक नहीं है.और यह भवन सामान्य भवनों की तुलना में ज्यादा महंगे दामों मैं तैयार होती हैं.

उन्होंने कहा कि जब अस्पताल भवन निर्माण की टेंडर प्रक्रिया शुरू की गयी तो उसमें चार ठेकेदारों ने आवेदन किया था लेकिन टेंडर साढे चौदह करोड़ रुपये की दर भरने वाले ठेकेदार को कार्य सौंप दिया गया जबकि साढे बारह करोड़ की दर पर कार्य करने के लिए तैयार ठेकेदार के टेंडर फार्म को खोला ही नहीं गया.उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में यह बहुत बड़ी धांधली हुई है जिसकी जांच करवाई जाएगी.उन्होंने कहा कि अस्पताल भवन की सुरक्षा के मद्देनजर इसका निर्माण पट्टी में नहीं किया जाएगा बल्कि इसे मौजूदा स्थान पर ही भव्य व योजनाबद्ध तरीके से निर्माण करवाया जाएगा.उन्होंने कहा कि अस्पताल के लिए वन वे यातायात व्यवस्था तैयार की जाएगी जिसका प्रारुप भी तैयार हो चुका है.

इस दौरान उन्होंने कहा कि भरमौर मेें विकास कार्यों के नाम पर हुई लूट खसूट की जांच शुरू की जा रही है.जिसमें विशेष रूप से मणिमहेश न्यास के माध्यम किए गए खर्च,स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण(लाडा),विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण(साडा),व हिमुडा में खर्च किए गए धन की जांच होगी.

विधायक के कड़े रुख के बाद कुछ अधिकारियों कर्मचारियों के हाथ पांव फूलने शुरू हो गए हैं.

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