हिमाचल प्रदेश में बीपीएल सूची से हटेंगे वर्षों से शामिल परिवार, अब ग्राम सभाएं करेंगी समीक्षा

हिमाचल प्रदेश में बीपीएल सूची से हटेंगे वर्षों से शामिल परिवार, अब ग्रामसभाएं करेंगी समीक्षा

शिमला: हिमाचल प्रदेश में वर्षों से गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) सूची में शामिल परिवारों की सूची का पुनः मूल्यांकन किया जाएगा। राज्य में बीपीएल सूची की समीक्षा के लिए अब ग्रामसभाओं को अधिकार दिया गया है, जो नवंबर महीने में होने वाली बैठकों में परिवारों के नाम जोड़ने और हटाने का काम करेगी। इस निर्णय का उद्देश्य बीपीएल सूची में वास्तविक जरूरतमंदों को ही शामिल करना है, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंच सके।

38 पंचायतें हुईं बीपीएल मुक्त

हिमाचल प्रदेश में इस साल 38 पंचायतें बीपीएल मुक्त घोषित हो चुकी हैं। इन पंचायतों में अब कोई भी परिवार गरीबी रेखा के नीचे नहीं है। राज्य भर में बीपीएल सूची में कुल 2,82,370 परिवार दर्ज हैं, जिसमें से 2.60 लाख परिवार ग्रामीण क्षेत्रों में आते हैं। सरकार द्वारा बीपीएल सूची को समय-समय पर अपडेट किया जाता है, ताकि जरूरतमंद परिवारों को सही तरीके से चिन्हित किया जा सके।

ग्रामसभाओं को मिले विशेष अधिकार

हर साल नवंबर में होने वाली ग्रामसभा की बैठक में बीपीएल सूची की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में पंचायत के सदस्य और स्थानीय लोग आपसी सहमति से यह तय करेंगे कि किन परिवारों को बीपीएल सूची में बरकरार रखा जाए और किन्हें हटाया जाए। पंचायतों को यह अधिकार भी दिया गया है कि वे गरीबी की स्थिति का आकलन कर किसी भी परिवार का नाम सूची में जोड़ या हटा सकते हैं। सरकार ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए पंचायतों को यह अधिकार दिया है।

बीपीएल सूची में चयन के मानक

बीपीएल सूची में चयन के मानकों में परिवार की मासिक आय, संपत्ति, और जीवन स्तर के आधार पर आकलन किया जाता है। इसके तहत:

  • परिवार की मासिक आय 2500 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • जिनके पास अपने आवास, खेती की जमीन और आधुनिक सुविधाएं हों, उन्हें बीपीएल सूची में नहीं रखा जाता।
  • विशेषकर ऐसे परिवार, जो बहुत अधिक जमीन के मालिक हैं या व्यापार में संलिप्त हैं, उन्हें भी इस सूची में नहीं रखा जाता।

इस प्रक्रिया का उद्देश्य उन परिवारों को हटाना है जो सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अयोग्य माने जाते हैं, ताकि वास्तविक गरीब परिवारों को योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सके। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंचायतों और स्थानीय लोगों को बीपीएल सूची के अद्यतन और वास्तविक निर्धारण में शामिल करने के लिए यह कदम उठाया है, जिससे सरकारी संसाधनों का अधिकतम उपयोग संभव हो सकेगा।

इस समीक्षा प्रक्रिया के बाद यह उम्मीद है कि गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं का उचित लाभ मिलेगा, और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या पक्षपात को रोका जा सकेगा।