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करवा चौथ 2024: इस दिन बन रहे विशेष संयोग में रखें व्रत, जानें पूजा विधि और चंद्र दर्शन का समय

A traditional Indian woman, dressed in a vibrant red saree with gold jewelry, is performing the Karwa Chauth ritual at night

करवा चौथ 2024 का व्रत हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखा जाता है। हर साल इस व्रत को महिलाएं निर्जला व्रत के रूप में करती हैं, जिसमें पूरे दिन पानी तक नहीं पिया जाता। इस बार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा, जिसमें विशेष संयोग और ज्योतिषीय योग भी बन रहे हैं जो इस दिन को और भी शुभ बना रहे हैं।

करवा चौथ 2024 तिथि (Karwa Chauth 2024 Tithi)

करवा चौथ का व्रत इस साल 20 अक्टूबर 2024 को होगा। चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को सुबह 06:46 मिनट से आरंभ होगी और 21 अक्टूबर को सुबह 04:16 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य की कामना के लिए व्रत रखेंगी।

करवा चौथ पूजा मुहूर्त (Karwa Chauth 2024 Puja Muhurat)

करवा चौथ पर पूजा का मुहूर्त शाम 5:46 बजे से 7:02 बजे तक का है, जिसमें कुल 1 घंटे 16 मिनट का समय मिलेगा। इस दौरान व्रती महिलाएं करवा माता और भगवान गणेश की आराधना करेंगी।

चंद्र दर्शन का समय (Karwa Chauth 2024 Moonrise Time)

करवा चौथ पर सबसे अधिक प्रतीक्षित होता है चंद्र दर्शन का समय। इस साल चंद्रमा 20 अक्टूबर को रात 7:57 बजे निकलेगा। चंद्र दर्शन के बाद ही महिलाएं व्रत का पारण करेंगी, जिसमें वे अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं।

करवा चौथ पर अद्भुत संयोग (Karwa Chauth 2024 Auspicious Yoga)

इस बार करवा चौथ पर विशेष ज्योतिषीय योग बन रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन व्यतीपात योग, कृत्तिका नक्षत्र, और विष्टि, बव, बालव करण का संयोग बन रहा है। साथ ही चंद्रमा वृषभ राशि में होगा, जो इस व्रत को और भी शुभ और सौभाग्यशाली बना रहा है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन करवा माता की आराधना करने से वैवाहिक जीवन में आ रही सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं, और रिश्तों में मिठास बनी रहती है।

करवा चौथ व्रत की विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi)

  1. सरगी ग्रहण करें: सुबह उठकर घर की परंपरा के अनुसार सरगी लें, जो सास द्वारा दी जाती है।
  2. व्रत का संकल्प लें: स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत करें।
  3. शाम की पूजा: संध्या के समय एक थाली में धूप, दीप, रोली, पुष्प, फल और मिष्ठान रखकर करवा चौथ की कथा पढ़ें।
  4. चंद्रमा की पूजा: चंद्रमा निकलने पर अर्घ्य देने के लिए एक लोटे में जल भरें और चंद्रमा को अर्घ्य दें। छलनी में दीप जलाकर चंद्र दर्शन करें और छलनी से पति का मुख देखें।
  5. व्रत का पारण करें: पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें। इसके बाद घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और श्रंगार सामग्री सास या अन्य सुहागिन स्त्री को दें।

पति की लंबी आयु के लिए व्रत

करवा चौथ का व्रत विशेष रूप से पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखा जाता है। माना जाता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से पति की आयु लंबी होती है और जीवन में सौभाग्य बना रहता है। इस व्रत की धार्मिक मान्यता वट सावित्री व्रत के समान होती है, जो अखंड सौभाग्य का प्रतीक है।

करवा चौथ कहां मनाया जाता है

करवा चौथ मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है, जैसे- पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार। इस दिन महिलाएं करवा माता, भगवान गणेश और शिव-पार्वती की विशेष पूजा करती हैं।

करवा चौथ का महत्व (Karwa Chauth Significance)

धार्मिक मान्यता के अनुसार, करवा चौथ का व्रत करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलने से वैवाहिक जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन को संकष्टी चतुर्थी के रूप में भी मनाया जाता है, इसलिए गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व होता है। साथ ही इस दिन माता पार्वती, भगवान शिव और कार्तिकेय की पूजा भी की जाती है।

करवा चौथ व्रत के लाभ

करवा चौथ के व्रत को करने से पति की दीर्घायु और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति का वास होता है। साथ ही इसे करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और वे अपने पति के साथ जीवन भर का सुख भोगती हैं। इस व्रत में महिलाएं न सिर्फ अपनी भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करती हैं, बल्कि अपने रिश्ते को और भी मजबूत करती हैं।

इस बार करवा चौथ पर बन रहे विशेष योग और शुभ मुहूर्त का लाभ उठाकर महिलाएं अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर इस व्रत को और भी शुभ और फलदायी बना सकती हैं।

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