अनुबंधकर्मियों की हड़ताल पर हाईकोर्ट का रोक, काम पर न लौटने वालों पर होगी कार्रवाई

A busy hospital emergency room scene, with many patients waiting for treatment. Some patients are lying on stretchers or the floor due to overcrowding

चंडीगढ़: पीजीआई सहित विभिन्न अस्पतालों में अनुबंधकर्मियों की चल रही हड़ताल पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए तुरंत प्रभाव से इसे रोकने का आदेश दिया है। अदालत ने साफ कहा है कि जो अनुबंधकर्मी काम पर वापस नहीं लौटेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस हड़ताल के कारण आपातकालीन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही थीं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। कोर्ट ने यूनियनों को भी नोटिस जारी कर इस हड़ताल पर जवाब मांगा है।

मरीजों को हो रही कठिनाइयां
अनुबंधकर्मियों की इस हड़ताल के चलते अस्पतालों में जरूरी सेवाएं ठप हो गई थीं। खासकर इमरजेंसी और ऑपरेशन थिएटर में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो गया था। अस्पतालों में इलाज के इंतजार में बैठे मरीजों की भीड़ लग गई थी। पीजीआई की न्यू ओपीडी और इमरजेंसी में मरीजों को बिना इलाज के घंटों इंतजार करना पड़ रहा था, जिससे मरीजों और उनके परिजनों में नाराजगी देखी गई।

राहत: रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल स्थगित
रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल को हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्थगित कर दिया है। डॉक्टरों की हड़ताल के खत्म होने से अब उम्मीद जताई जा रही है कि अस्पतालों में कामकाज सामान्य हो पाएगा। अब अनुबंधकर्मियों के काम पर लौटने की भी संभावना जताई जा रही है।

जीएमसीएच-32 की इमरजेंसी की स्थिति गंभीर
चंडीगढ़ के जीएमसीएच-32 में इमरजेंसी के सभी तीनों फ्लोर पूरी तरह से मरीजों से भर चुके हैं। बेड्स की कमी के चलते मरीजों को फर्श पर ही लिटाया जा रहा है। यहां तक कि स्ट्रेचर्स पर भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इमरजेंसी में कामकाज ठप होने से अस्पताल प्रशासन पर भारी दबाव है।

चिकित्सा अधीक्षक की सफाई पर जोर
अस्पताल प्रशासन ने सफाई के लिए भी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पीजीआई के मेन अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ ने खुद ही मोर्चा संभालते हुए सफाई का काम शुरू कर दिया। चिकित्सा अधीक्षक ने अनुबंधकर्मियों की अनुपस्थिति में सफाई बनाए रखने के लिए सभी स्टाफ को निर्देश दिए हैं।

यह हड़ताल अनुबंधकर्मियों और अस्पताल प्रशासन के बीच लंबे समय से चली आ रही मांगों को लेकर हुई है, जिसमें वेतन वृद्धि और अन्य सुविधाओं की मांग शामिल है। हालांकि, अदालत के हस्तक्षेप के बाद अब हालात के सामान्य होने की उम्मीद की जा रही है।