शिमला: हिमाचल प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) ने यात्रियों के लिए एक नई अधिसूचना जारी की है, जिसमें 5 किलोग्राम तक के सामान पर भी शुल्क लगाया गया है। 15 अक्टूबर 2024 से लागू इस नए नियम के अनुसार, अब HRTC की बसों में यात्रा के दौरान 0 से 5 किलो तक का सामान लेकर जाने पर भी यात्री को किराए का 1/4 हिस्सा अतिरिक्त रूप से चुकाना होगा। यह नियम उस स्थिति में भी लागू होगा जब सामान को बिना यात्री के भेजा जाएगा। इस फैसले ने यात्रियों के बीच चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि जहां एक ओर हवाई जहाज में कुछ मात्रा में सामान को मुफ्त ले जाने की अनुमति होती है, वहीं HRTC ने इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया है।
क्या हैं नए नियम?
HRTC के इस नए नियम के अनुसार, अब 0 से 5 किलोग्राम तक के सामान के लिए भी यात्री किराए का एक चौथाई हिस्सा चुकाना होगा। इससे यह स्पष्ट है कि अब HRTC की बसों में कोई भी सामान मुफ्त में नहीं ले जाया जा सकेगा। नियमों का विवरण इस प्रकार है:
- 0 से 5 किलोग्राम तक के सामान पर – यात्री किराए का 1/4 हिस्सा अतिरिक्त देना होगा।
- 6 से 40 किलोग्राम तक के सामान पर – आधे यात्री किराए के बराबर शुल्क लिया जाएगा।
- 41 से 80 किलोग्राम तक के सामान पर – पूरा एक यात्री किराया देना होगा।
जब सामान बिना यात्री के भेजा जा रहा है, तब भी इसी प्रकार के शुल्क लागू होंगे, जिससे यह साफ है कि सामान के वजन के अनुसार ही शुल्क लिया जाएगा।
यात्रियों में नाराजगी का माहौल
HRTC के इस फैसले से यात्रियों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। यात्रियों का कहना है कि जब वे स्वयं बस में यात्रा कर रहे होते हैं, तो उनके साथ कुछ वजन तक का सामान बिना शुल्क के होना चाहिए। एक यात्री ने कहा, “हवाई जहाज में भी यात्रियों को एक सीमित वजन तक का सामान मुफ्त ले जाने की अनुमति होती है, लेकिन HRTC ने 0 से 5 किलो के सामान पर भी शुल्क लगाना शुरू कर दिया है। यह समझ से परे है।”
ग्रामीण क्षेत्रों के यात्री, जो बसों का उपयोग कर अपने दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे फल, सब्जियां और अन्य सामान लाते-ले जाते हैं, उनके लिए यह नया नियम एक बड़ी समस्या बन गया है। पहले जहां उन्हें इन वस्तुओं के परिवहन के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ता था, अब उन्हें हर किलोग्राम के लिए भुगतान करना पड़ेगा।
आमजन पर पड़ेगा आर्थिक बोझ
HRTC का यह निर्णय खासकर छोटे व्यापारियों, किसानों और रोजाना यात्रा करने वाले लोगों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालेगा। अब हर यात्री को 5 किलो तक के सामान पर भी शुल्क देना होगा, चाहे वह खुद यात्रा कर रहा हो या नहीं। यह नया नियम उन यात्रियों के लिए और भी महंगा साबित हो सकता है जो अपने साथ थोड़ा ज्यादा सामान ले जाते हैं।
यहां तक कि अगर यात्री बस में यात्रा कर रहा हो, तब भी सामान के लिए भुगतान करना अनिवार्य होगा, जबकि हवाई यात्रा में एक सीमा तक का सामान मुफ्त में ले जाया जा सकता है। इससे HRTC की नई नीति पर सवाल उठ रहे हैं।
लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों पर असर
HRTC का यह नया नियम लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अतिरिक्त वित्तीय दबाव ला सकता है। उदाहरण के लिए, शिमला से दिल्ली या चंडीगढ़ की यात्रा करने वाले यात्री, जिनके पास 20 किलो सामान होता है, उन्हें आधे यात्री किराए के बराबर अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इससे यात्रियों की यात्रा लागत बढ़ेगी, और उन्हें दूसरे परिवहन साधनों का विकल्प चुनने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
HRTC के इस निर्णय के बाद यात्रियों में भारी असहमति है, और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि विभाग उनके हितों को ध्यान में रखते हुए इस फैसले में बदलाव करेगा।