कांगड़ा-चंबा पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: डॉ. राजीव भारद्वाज ने सदन में उठाई महत्वपूर्ण मांगें

कांगड़ा-चंबा पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: डॉ. राजीव भारद्वाज ने सदन में उठाई महत्वपूर्ण मांगें

कांगड़ा-चंबा के पर्यटन को नई उड़ान देने के उद्देश्य से, डॉ. राजीव भारद्वाज ने दिल्ली में अपनी आवाज़ बुलंद की। उन्होंने सदन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया, जो इस क्षेत्र के पर्यटन को नई दिशा दे सकते हैं।

“हैली टैक्सी” सेवा की मांग

डॉ. राजीव भारद्वाज ने कांगड़ा-चंबा के अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थलों, जिनमें धर्मशाला, डलहौजी और खज्जियार शामिल हैं, तक अधिक पहुंच सुनिश्चित करने हेतु “हैली टैक्सी” सेवा की मांग की। उनका मानना है कि इस सेवा से पर्यटकों को अधिक सुविधा मिलेगी और क्षेत्र का पर्यटन बढ़ेगा।

A detailed map of Kangra-Chamba region highlighting major tourist spots like Dharamshala, Dalhousie, and Khajjiar with a helicopter icon

मैक्लोडगंज, नड्डी और भागसूनाग का विकास

डॉ. भारद्वाज ने मैक्लोडगंज, नड्डी और भागसूनाग जैसे दर्शनीय स्थलों को और अधिक विकसित करने हेतु सकारात्मक कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन स्थलों का विकास क्षेत्र के पर्यटन में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

पठानकोट-जोगिन्द्रनगर रेलवे लाइन का ब्रॉडगेज

कांगड़ा घाटी की टॉय ट्रेन के नाम से प्रसिद्ध पठानकोट-जोगिन्द्रनगर रेलवे लाइन को ब्रॉडगेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इसके अलावा, अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल डलहौजी तक पर्यटकों की अधिक पहुंच हेतु पठानकोट से डलहौजी रेलवे लाइन बिछाने की मांग भी की गई।

An image of a broad gauge train on the Pathankot-Jogindernagar railway line passing through lush green valleys

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

कांगड़ा प्रसिद्ध शक्तिपीठों की भूमि है, जहां देशभर से भक्त अधिक संख्या में पहुंचते हैं। इस दृष्टि से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु “रिलिजियस कॉरिडोर” की स्थापना की मांग उठाई गई। इस कॉरिडोर से भक्तों को अधिक सुविधा मिलेगी और धार्मिक पर्यटन में वृद्धि होगी।

धौलाधार में रोप-वे की स्थापना

धर्मशाला में दुनिया की सबसे करीबी “स्नो लाइन” धौलाधार की गोद तक पर्यटकों को पहुंचाने हेतु “रोप-वे” स्थापित करने की मांग भी की गई। इससे पर्यटक आसानी से इस खूबसूरत स्थल तक पहुंच सकेंगे और क्षेत्र का पर्यटन बढ़ेगा।

A beautiful landscape of Dhauladhar range near Dharamshala with a rope-way system carrying tourists up the mountain

पौंग और चमेरा बांध में बैकवॉटर टूरिज्म

पौंग बांध और चमेरा बांध जलाशय में केरल की तर्ज पर बैकवॉटर टूरिज्म का शुभारंभ करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। इससे स्थानीय लोगों को स्व-रोजगार के अवसर मिलेंगे और प्रदेश को आर्थिक लाभ होगा।

A picturesque view of Pong Dam and Chamera Dam reservoirs with boats and tourists enjoying backwater tourism, inspired by the Kerala model

डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा कि इन क्षेत्रों पर कार्य करके स्थानीय लोगों को स्व-रोजगार प्राप्त होगा और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि कांगड़ा-चंबा क्षेत्र के अद्भुत पर्यटन स्थलों को अलग पहचान दिलवाने हेतु वे दृढ़संकल्पित हैं।