मंडी: मंडी जिले के बल्ह उपमंडल के अंतर्गत आने वाले बडसू गांव के निवासी धनदेव की कुवैत में हृदयाघात के कारण मौत हो गई। यह दुखद घटना 22 जून को हुई थी, लेकिन परिवार को इसकी जानकारी नहीं मिल पाई थी और उनके साथ कोई संपर्क भी स्थापित नहीं हो पाया था।
कुवैत में मजदूरों के आवास वाली एक इमारत में आग लगने के दौरान यह घटना घटी। जब परिवार का धनदेव से कोई संपर्क नहीं हुआ, तो परिजनों ने मंडी जिला प्रशासन, विधायक और सांसद के माध्यम से इस मामले को उठाया।
परिजनों ने 10 जुलाई को मंडी की सांसद कंगना रणौत से मुलाकात की और अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने कंगना से गुहार लगाई कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें और धनदेव की तलाश में मदद करें। सांसद कंगना रणौत ने तत्परता दिखाते हुए भारतीय दूतावास से संपर्क साधा और मामले की जानकारी ली।
भारतीय दूतावास ने तत्परता दिखाते हुए सारी जानकारी जुटाई और परिजनों को सूचित किया कि धनदेव की मौत 22 जून को हृदयाघात के कारण हो गई थी। दूतावास ने यह भी बताया कि सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद धनदेव का शव भारत भेजा जाएगा।
आज, 26 दिनों के बाद, धनदेव का शव कुवैत से हवाई मार्ग द्वारा दिल्ली लाया गया। वहां से शव को सड़क मार्ग द्वारा उनके पैतृक गांव लाया जा रहा है। परिजनों ने बताया कि आज देर रात तक शव घर पहुंच जाएगा और कल धनदेव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
धनदेव की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है। गांव के लोग उनके परिवार के साथ खड़े हैं और इस दुख की घड़ी में उनका साथ दे रहे हैं। धनदेव के करीबी मित्रों और रिश्तेदारों ने बताया कि वह एक मेहनती और ईमानदार व्यक्ति थे, जो अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन की तलाश में कुवैत गए थे।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि विदेशों में काम करने वाले हमारे मजदूरों के जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों को समझने की आवश्यकता है। उनके परिवारों के लिए यह समय बेहद कठिन होता है, जब वे अपनों से दूर होते हैं और किसी आपात स्थिति में उनकी मदद के लिए कोई नहीं होता।
इस घटना के बाद, भारतीय दूतावास द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों की सराहना की जा रही है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि सरकारें और संबंधित एजेंसियां विदेशों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा और कल्याण के लिए और अधिक ठोस कदम उठाएं।
धनदेव की कहानी एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि किस तरह हमारे मजदूर अपने परिवारों के लिए बलिदान देते हैं और उनके परिवारों के लिए यह एक बड़ी चुनौती होती है।