भरमौर के लोगों ने मंत्री जगत सिंह नेगी को सौंपा ज्ञापन, कुगति-लाहौल सड़क परियोजना की मांग

शिमला: भरमौर के लोगों ने जनजातीय विकास विभाग के माननीय मंत्री जगत सिंह नेगी को ज्ञापन सौंपकर कुगति से लाहौल तक नई सड़क परियोजना की मांग की है। इस प्रस्तावित 25-30 किलोमीटर लंबी सड़क से चंबा जिले को विकास की राह पर लाने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार की संभावना है। यह सड़क न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगी।

ज्ञापन में लोगों ने इस सड़क परियोजना के निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं को उजागर किया है:

1. चंबा जिले का विकास: चंबा जिला देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है। इस सड़क के निर्माण से चंबा जिले के पिछड़े क्षेत्रों में विकास के नए द्वार खुलेंगे और स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।

2. हिमाचल पर्यटन और आर्थिक विकास: यह सड़क चंबा और लाहौल-स्पीति की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि को अधिक पर्यटकों के लिए सुलभ बनाएगी। इससे स्थानीय व्यवसायों और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

3. गद्दी समुदाय के लिए लाभ: यह नया मार्ग गद्दी समुदाय के लाखों लोगों के लिए वरदान साबित होगा। गद्दी समुदाय के लोग अपने इष्ट देवताओं के दर्शन के लिए लाहौल जाने के लिए लंबा रास्ता तय करते हैं। यह मार्ग उनके लिए अधिक सुरक्षित और त्वरित होगा।

4. गद्दी भेड़ पालकों के लिए लाभ: लगभग 80% भेड़पालक कुगति-लाहौल मार्ग पर दुर्गम रास्ते पर चलते हैं। यह नया मार्ग उनकी यात्रा को अधिक सुरक्षित और त्वरित बनाएगा।

5. मणिमहेश कैलाश, श्रीखंड महादेव और किन्नर कैलाश यात्रा को जोड़ने हेतु: यह सड़क मणिमहेश यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी लाभकारी होगी। श्रद्धालु मणिमहेश से सीधे मनाली होते हुए श्रीखंड महादेव और वहां से किन्नर कैलाश की यात्रा कर पाएंगे। इससे उन्हें 250 किलोमीटर कम सफर करना पड़ेगा और हिमाचल में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह सड़क हिमाचल में 3 कैलाश कॉरिडोर बनाने में सहायता करेगी।

6. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लाभ: यह सड़क भारतीय सेना के लिए भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इससे लेह और लद्दाख के अग्रिम क्षेत्रों में सैन्य आवागमन अधिक सुगम होगा। पठानकोट से लेह की दूरी लगभग 200 किलोमीटर कम हो जाएगी। वैकल्पिक मार्ग से न केवल सेना की गतिशीलता में वृद्धि होगी बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।

स्थानीय निवासियों ने सरकार से इस महत्वपूर्ण सड़क परियोजना को तत्काल स्वीकृति देने की अपील की है। उनका मानना है कि यह परियोजना न केवल उनके दैनिक जीवन को सरल बनाएगी बल्कि क्षेत्र और हिमाचल की आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

ज्ञापन में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें समस्त स्थानीय भरमौर निवासी, 84 मन्दिर पुजारी, ब्लॉक समिति सदस्य, चौरासी व्यापार मंडल, मणिमहेश युवक मंडल, चौरासी रीवाइवल कमेटी और पूर्व सैनिक शामिल हैं।

प्रतिलिपि के रूप में यह ज्ञापन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, लोक निर्माण विभाग मंत्री, और पर्यटन मंत्री को भी भेजा गया है। लोगों को उम्मीद है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और जल्द ही इस परियोजना को स्वीकृति मिलेगी।