चंबा मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाने आने वाले मरीजों को अब रात के समय किसी भी टेस्ट के लिए फीस जमा करने के लिए अंधेरे में भटकना नहीं पड़ेगा। प्रबंधन ने आपातकालीन कक्ष के बाहर एक नया फीस काउंटर स्थापित किया है, जो शाम 4:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक सुचारू रूप से कार्य करेगा। इस नए फैसले के तहत, जो भी मरीज शाम से लेकर सुबह होने तक मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आएंगे, उन्हें किसी भी टेस्ट का फीस शुल्क कटवाने के लिए ओपीडी ब्लॉक में नहीं जाना पड़ेगा।
अक्सर मरीजों के साथ आने वाले तीमारदार यह शिकायत करते थे कि रात के समय उन्हें टेस्ट करवाने से पहले फीस जमा करवाने के लिए ओपीडी ब्लॉक में जाना पड़ता है, जिससे उन्हें अपने मरीज को अकेला छोड़ना पड़ता था। अब ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। आपातकालीन कक्ष के बाहर जहां पर मरीजों की पर्ची बनाई जाती है, वहीं पर अस्पताल प्रबंधन ने शाम के बाद मरीजों के टेस्ट की फीस जमा करवाने के लिए अलग से फीस काउंटर की व्यवस्था की है।
इस फैसले का जिले भर के लोगों ने स्वागत किया है, क्योंकि मेडिकल कॉलेज में शाम ढलने के बाद जिले भर से मरीज अपनी बीमारी का इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं। अब उन्हें फीस जमा करवाने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बिपन ठाकुर ने बताया कि शाम 4:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक आपातकालीन कक्ष के बाहर फीस काउंटर की व्यवस्था की गई है। रात को कोई भी मरीज या तीमारदार अब टेस्ट का शुल्क जमा करवाने के लिए ओपीडी ब्लॉक में नहीं जाएगा। यह कदम अस्पताल प्रबंधन की ओर से मरीजों की सुविधा के लिए उठाया गया है, जिससे आपातकालीन स्थिति में भी फीस जमा करने की प्रक्रिया सरल हो गई है।
नवाचार के साथ मरीजों की सुविधा में सुधार
मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह कदम निश्चित रूप से स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण सुधार है। अब मरीजों को इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की वित्तीय प्रक्रिया में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। आपातकालीन कक्ष के बाहर बनाए गए इस फीस काउंटर से मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी राहत मिलेगी। अस्पताल प्रबंधन के इस नवाचार के साथ मरीजों को और बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।इस प्रकार के सुधार से चंबा मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाने आने वाले मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि अब रात के समय में भी मरीज बिना किसी परेशानी के टेस्ट करवा सकेंगे। इस पहल से अस्पताल की सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा और मरीजों की संतुष्टि में वृद्धि होगी।