सुरक्षा पर आस्था भारी…..सांप को दूसरे दिन भी नहीं निकाल पाए कक्षा बाहर.
राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा केंद्र पंजसेई के क्लास रूम में कल एक सांप घुस गया था.अध्यापकों की कड़ी मश्क्कत के बावजूद सांप को बाहर नहीं निकाला जा सका था.आज सुबह भी स्कूली बच्चों के चेहरे पर सांप की दहशत साफ झलक रही थी.
शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के लिए स्थिति उस वक्त पेचीदा हो गई जब अभिभावकों व स्कूल प्रबंधन समिति ने नाग देवता के गूर (चेले)का आहवान कर सांप को हानि न पहुंचाने वाला बताया.मामले को आस्था से जुड़ता देख अधिकारी कर्मचारी भी कुछ न कह पाए.
स्कूल में सांप होने की घटना को गम्भीर मामला मानते हुए प्रारम्भिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुरिन्दर पटियाल ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सबसे ऊपर है जिस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता.उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वन विभाग को सांप को कक्षा कक्ष से बाहर निकालने के लिए कहा गया है.
उधर मामले की सूचना पाकर प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी अर्जुन सिंह मौके पर पहुंचे व स्कूल प्रबंधन समिति सदस्यों व अध्यापकों से मामले का हल निकालने पर चर्चा की.खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि एसएमसी सदस्य सांप को नाग देवता बता रहे हैं,और वे नहीं चाहते कि नाग देवता को यहां से हटाया जाए.एसएमसी सदस्यों का कहना है कि उक्त नाग देवता हर वर्ष इस कमरे में निकलते हैं और आज तक किसी को हानि नहीं पहुंचाई है.समिति सदस्यों व अध्यापकों के बीच सांप को बाहर निकालने के मामले में कोई निष्कर्ष नहीं निकला व न ही किसी ने बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है.ऐसे में अगर कोई अनहोनी होती है तो कार्यवाही की तलवार अधायापकों पर ही गिरेगी जबकि उन्होंने अपने स्तर पूरी कोशिश की है.पूरा दल वन विभाग के दल के आने का इंतजार भी करते रहे शाम तक जब वन विभाग की टीम भी मौके पर न पहुंची तो खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी को बिना किसी निर्णय के वापिस लौटना पड़ा.
उधर मामले की गम्भीरता को देखते हुए उपमंडलाधिकारी पीपी सिंह ने नायब तहसीलदार व वन विभाग की टीम को कल सुबह स्कूल खुलने से पूर्व सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.